मारुति सुज़ुकी ने आईआईएम बेंगलुरू के साथ किया समझौता, मिलेगा स्टार्टअप्स को बढ़ावा
हाइलाइट्स
भारत की सबसे बड़ी कार कंपनी मारुति सुज़ुकी ने इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मेनेजमेंट, बेंगलुरु के साथ एक समझौता किया है जिससे स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी. कंपनी ने नदथुर एस राघवन सेंटर फॉर एंत्रेप्रेन्योरियल लर्निंग (NSRCEL) के साथ पार्टनरशिप की घोषणा की, जो आईआईएम बेंगलुरू का हब और इंक्यूबेशन सेंटर है. यह साझेदारी टेक्नोलॉजी बेस्ड इनोवेशन और स्टार्टअप को बढ़ावा देगी जो ऑटो जगत में काम कर पाएंगी. इस प्रोग्राम के तहत उन विशेषज्ञों का चुनाव किया जाएगा जो तकनीक, डाटा और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस सेक्टर से हैं.
यह साझेदारी टेक्नोलॉजी बेस्ड इनोवेशन और स्टार्टअप को बढ़ावा देगी जो ऑटो जगत में काम कर पाएंगी.
मारुति सुजुकी का यह अपने प्रकार का पहला कदम है. इसमें कंपनी शुरुआती चरण के स्टार्टअप को बड़े स्तर का बिजनेस बनाने में मदद करती हैं. कंपनी के मुताबिक, इस कार्यक्रम के तहत 3 महीने (प्री इंक्यूबेशन) और 6 महीने (इंक्यूबेशन) किया जाएगा. मारुति ने अपने बयान में कहा कि यह पार्टनरशिप टेक्नोलॉजी बेस्ड इनोवेशन के लिए मददगार साबित होगी. जनवरी 2019 में मारुति ने 'मोबिलिटी एंड ऑटोमोबाइल इनोवेशन लैब' (MAIL) को लॉन्च किया था. यह प्रोग्राम स्टार्टअप को मोबिलिटी सेक्टर में कुछ नया करने के लिए प्रेरित करता है. मारुति को इससे कुछ फायदे भी मिले हैं.
यह भी पढ़ें: 2020 मारुति सुज़ुकी एस-क्रॉस रिव्यू: पेट्रोल ने ली डीज़ल की जगह
पार्टनरशिप पर बोलते हुए मारुति सुजुकी इंडिया के एमडी और सीईओ केनिची अयुकावा ने कहा." मोबिलिटी स्टार्टअप इनक्यूबेशन प्रोग्राम शुरुआती स्तर के स्टार्टअप की जरूरतों को पूरा करता है, जिनमें बड़े पैमाने पर व्यवसाय बनने की क्षमता होती है. यह पार्टनरशिप मोबिलिटी क्षेत्र को अविष्कार को चोटी तक लेकर जाएगी. इस पार्टनरशिप का मकसद अगली पीढ़ी की कंपनियों की आर्थिक मदद करना है." प्रोग्राम का चयन विशेषज्ञों द्वारा किया जाएगा.