मारुति सुजुकी की 2.5 लाख कारों की डिलेवरी बकाया, सीएनजी वेरिएंट्स पर भी लंबी वेटिंग
हाइलाइट्स
देश की सबसे बड़ी कार कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया ने कहा है कि फिलहाल भारत में उसके करीब 2.5 लाख ऑर्डर लंबित हैं. यह मुख्य रूप से इलेक्ट्रॉनिक पार्ट्स की सप्लाय में आई वैश्विक कमी के कारण हुआ है जिसने वाहन उत्पादन पर एक बड़ा प्रभाव डाला है. लंबित ऑर्डर पर बैकलॉग के कारण कारों पर लंबा वेटिंग पीरियड भी देखने को मिल रहा है. जहां पेट्रोल कारों के लिए औसत वेटिंग समय 9 से 12 सप्ताह तक का है, वहीं सीएनजी मॉडलों के लिए यह 17 से 18 सप्ताह तक पहुंच गया है. हां, मॉडल और वेरिएंट के आधार पर वेटिंग समय अलग होगा.
मारुति सुजुकी के सीएनजी मॉडल की औसत वेटिंग पीरियड लगभग 17 से 18 सप्ताह है.
कारएंडबाइक के साथ बात करते हुए, मारुति सुजुकी इंडिया के वरिष्ठ कार्यकारी निदेशक (मार्केटिंग और बिक्री) शशांक श्रीवास्तव ने कहा, "मोटे तौर पर हमारे पास लगभग 2,50,000 बुकिंग लंबित हैं, इसलिए, औसतन लगभग 9 सप्ताह तक का वेटिंग पीरियड चल रहा है. हालांकि, मॉडल के हिसाब से यह अलग हो सकता है और ईधन के प्रकार के अनुसार भी. उदाहरण के लिए, सीएनजी कारों पर वेटिंग पीरियड लगभग 17 से 18 सप्ताह है. यहां तक कि हाल ही में लॉन्च हुई मारुति सुजुकी सेलेरियो में भी वर्तमान में 12 सप्ताह तक का वेटिंग पीरियड पहुंच गया है."
उन्होंने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा, "जबकि उत्पादन की कमी कंपनी के लिए मुख्य परेशानियों में से एक है जिसके पीछे सेमीकंडक्टर की कमी सबसे बड़ी वजह है, हालांकि चीजों में सुधार हो रहा है और पिछले महीनों में सुधार देखने को मिला है. सितंबर में हम अपने प्रोडक्शन क्षमता का केवल 40 प्रतिशत उत्पादन ही कर सके, वहीं अक्टूबर में यह आंकड़ा बढ़कर लगभग 60 प्रतिशत हो गया और नवंबर में यह लगभग 83-84 प्रतिशत था. दिसंबर की बात करें तो यह भी लगभग 85 प्रतिशत होने का अनुमान है. इसलिए, जहां तक सेमीकंडक्टरों की उपलब्धता की बात है तो इसमें सुधार हुआ है."
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नवंबर 2021 में, मारुति सुजुकी इंडिया का कुल वाहन उत्पादन मिलाकर 145,560 वाहनों का था. वहीं कंपनी की कुल थोक बिक्री 1,39,184 वाहनों की रही, जबकि कुल रिटेल बिक्री का आंकड़ा 103,000 वाहनों का था.