8 यात्रियों तक के सभी वाहनों में लगाने होंगे कम से कम 6 एयरबैग: गडकरी
हाइलाइट्स
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने शुक्रवार को कहा कि उन सभी वाहनों में कम से कम 6 एयरबैग अनिवार्य होगे, जिन मोटर वाहनों की क्षमता 8 यात्रियों की है ताकि यात्रियों की सुरक्षा को सुनिश्चित किया जा सकेगा. ट्वीट्स की एक श्रृंखला में, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री ने कहा कि उनके मंत्रालय ने 1 जुलाई 2019 से ड्राइवर एयरबैग और फ्रंट को-पैसेंजर एयरबैग को 1 जनवरी 2022 से लागू करना अनिवार्य कर दिया था.
गडकरी ने कहा, "8 यात्रियों तक के मोटर वाहनों में सवार लोगों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए, मैंने अब कम से कम 6 एयरबैग अनिवार्य करने के लिए GSR अधिसूचना के मसौदे को मंजूरी दे दी है.”
यहाँ GSR का मतलब जनरल स्टैचुअरी रूल्ज़ से है.
उन्होंने आगे कहा कि “आगे और पीछे दोनों कम्पार्टमेंट में बैठे लोगों के लिए फ्रंटल और लेटरल टक्करों के प्रभाव को कम करने के लिए, यह निर्णय लिया गया है कि M1 वाहन श्रेणी में 4 अतिरिक्त एयरबैग अनिवार्य किए जाएंगे, यानी दो साइड/साइड टोरसो एयरबैग और दो साइड कर्टेन/ट्यूब एयरबैग सभी आउटबोर्ड यात्रियों को कवर करेंगे भारत में मोटर वाहनों को पहले से कहीं अधिक सुरक्षित बनाने के लिए यह एक महत्वपूर्ण कदम है.”
गडकरी के अनुसार, यह अंततः सभी सेगमेंट में यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा, चाहे वाहन की लागत/वेरिएंट कुछ भी हो.
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के अनुसार देश में हर साल लगभग 80 हजार लोग सड़क दुर्घटना में मारे जाते हैं. यह दुनिया में होने वाली सड़क दुर्घटना का 13 प्रतिशत है. सड़क दुर्घटना में होने वाली सबसे बड़ी वजह कारों में सेफ़्टी फीचर का न होना होता है.
एयरबैग कॉटन के बने होते हैं, इन पर सिलिकॉन की कोटिंग होती है. एयरबैग के अंदर सोडियम एजाइड गैस भरी होती है. कारों में एयरबैग को सेंसर के साथ जोड़ा जाता है. जैसे ही सेंसर को आभास होता है कि दुर्घटना हो सकती है या होने वाली है, वैसी ही एयरबैग गुब्बारे की तरह फुल जाता हैं और कार में बैठे लोग कार के डैशबोर्ड या स्टेयरिंग से टकराने से बच जाते है. एयरबैग को खुलने के लिए एक सेकंड से भी कम समय लगता है. एयरबैग के लिए सीट बेल्ट पहनना अनिवार्य होता है.