क्रैश हेलमेट और सेफ्टी हार्नेसः बाइक पर बैठे बच्चे के लिए सरकार लाने वाली है सुरक्षा नियम
हाइलाइट्स
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय भारत में बहुत जल्द बच्चों के साथ दो-पहिया वाहन की अधिकतम रफ्तार की नई सीमा अनिवार्य करने की नीति बना रहा है. एक ड्राफ्ट नोटिफिकेशन में यह मंत्रालय ने यह प्रस्ताव रखा है कि यात्रियों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए अगर दो-पहिया वाहन की पिछली सीट पर 4 साल तक का बचा बैठा है, तो उस वाहन की अधिकतम रफ्तार को 40 किमी/घंटा तक सीमित किया जाना चाहिए. रोड ट्रांसपोर्ट और हाईवे मिनिस्ट्री का यह भी कहना है कि दो-पहिया की पिछली सीट पर बैठे 9 महीने से 4 साल तक उम्र के बच्चों को भी क्रैश हेलमेट पहनना अनिवार्य किया जाना चाहिए.
मंत्रालय ने आगे कहा है कि अपने दो-पहिया पर राइडर को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि पीछे बैठा बच्चा राइडर के साथ सुरक्षित डोर से बंधा हुआ हो. यह 5 साल से छोटे बच्चों पर अनिवार्य और लागू किया जा सकता है. यह सेफ्टी हार्नेस बच्चों को पहननी होगी जिसमें कमर पर बंधी इस हार्नेस को व्यवस्थित करने का विकल्प होगी और यह राइडर के कंधे पर भी बंधेगी जिससे पीछे बैठे बच्चे को सुरक्षित यात्रा मिलेगी.
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सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने समझाया कि, “इस रास्ते राइडर से जुड़े रहने पर बच्चे का घड़ सुरक्षित रहता है. इस काम के लिए राइडर और पिछली सीट पर बैठे बच्चे के बीच सुरक्षित जोड़ बनाती पट्टियां होंगी.” मंत्रालय ने यह भी साफ किया कि बच्चों के लिए क्रैश हेलमेट का ASTM 1447]/ [European (CEN)BS EN 1080/BS EN 1078] मानकों के उपयुक्त होना अनिवार्य होगा. भारत सरकार ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स बीआईएस ऐक्ट 2016 बच्चों के लिए हेलमेट के अंतर्गत इस नियम को लागू करने की नीति बना रही है.