पुरानी कारों के बाजार के लिए सरकार ने नियमों को अंतिम रूप दिया
![New Regulatory Ecosystem Introduced For Used Car Market New Regulatory Ecosystem Introduced For Used Car Market](/_next/image?url=https%3A%2F%2Fc.ndtvimg.com%2F2022-12%2Fv1ebav9o_s_625x300_29_December_22.jpg&w=3840&q=75)
हाइलाइट्स
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने डीलर की प्रामाणिकता की पहचान करने के लिए रजिस्टर्ड वाहनों के डीलरों के लिए ऑर्थराइज प्रमाणपत्र पेश किया है, यह एक ऐसा कदम है जो व्यापार करने में आसानी और पारदर्शिता को बढ़ावा देगा. MoRTH ने 22 दिसंबर को जारी एक अधिसूचना में प्री-ओन्ड कार बाजार के लिए एक बड़ा नियामक इकोसिस्टम बनाने के लिए केंद्रीय मोटर वाहन नियम, 1989 के अध्याय III में बदलाव किया है.
अधिसूचना के अनुसार रजिस्टर्ड मालिक और डीलर के बीच वाहन की डिलेवरी की सूचना देने की प्रक्रिया को बढ़ाता है और पंजीकृत वाहनों के कब्जे वाले डीलर की शक्तियों और जिम्मेदारियों को भी स्पष्ट किया गया है.
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भारत में प्री-ओन्ड कारों का बाजार धीरे-धीरे जोर पकड़ रहा है. हाल के वर्षों में ऑनलाइन मार्केटप्लेस के आगमन, जो प्री-ओन्ड वाहनों की खरीद और बिक्री में शामिल हैं, ने इस बाजार को और बढ़ावा दिया है.
वर्तमान नियमों में कई मुद्दों का सामना करना पड़ता है, जैसे ट्रांसफर के दौरान, उसके बाद और थर्ड पार्टी डैमेज में देनदारियों के संबंध में विवाद, डिफॉल्टर निर्धारण में कठिनाईयां आती हैं.
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नई अधिसूचना के अनुसार, डीलरों को उनके अधिकार में मोटर वाहनों के रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र के नवीनीकरण/फिटनेस प्रमाण पत्र के नवीनीकरण, डुप्लीकेट पंजीकरण प्रमाण पत्र, एनओसी, मालिकी के ट्रांसफर के लिए आवेदन करने का अधिकार दिया गया है.
एक नियामक उपाय के रूप में, एक इलेक्ट्रिक वाहन ट्रिप रजिस्टर का रखरखाव अनिवार्य कर दिया गया है, जिसमें की गई यात्रा की जानकारी शामिल होगी, जैसे यात्रा का उद्देश्य, ड्राइवर, समय, माइलेज आदि.
अधिसूचना में कहा गया है कि ये नियम पंजीकृत वाहनों के बिचौलियों/डीलरों को पहचानने और उन्हें सशक्त बनाने में सहायता करेंगे और साथ ही ऐसे वाहनों की बिक्री या खरीद के लिए धोखाधड़ी गतिविधियों के खिलाफ पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करेंगे. नए नियम 1 अप्रैल, 2023 से प्रभावी होंगे.