नीति आयोग ने टेस्ला से भारत में इलेक्ट्रिक वाहन बनाने को कहा, टैक्स में छूट का किया वादा
हाइलाइट्स
टेस्ला और भारत सरकार कुछ गतिरोध में हैं. जहां टेस्ला ने अपनी भारतीय इकाई शुरु की है और देश में अपनी मॉडल 3 और मॉडल Y का परीक्षण भी शुरू कर दिया है, कंपनी भारत में उन मॉडलों को लॉन्च करने के करीब भी नहीं है. चुनौती पूरी तरह से आयात की गई कारों (सीबीयू) लगने वाली पर 60-100 प्रतिशत ड्यूटी है, जो टेस्ला की सबसे सस्ती कार, मॉडल 3 को भारत में काफी महंगी बनाती है, अमरिकी में उसकी 40,000 डॉलर की कीमत को देखते हुए है.
नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने टेस्ला से देश में कारें बनाने के लिए कहा है.
टेस्ला के अधिकारियों ने हाल ही में प्रधान मंत्री कार्यालय (पीएमओ) से कहा कि देश में आयात की गई प्रदूषण मुक्त कारों लगने वाले टैक्स को कम करना चाहिए. लेकिन अब नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने कहा है कि टेस्ला केवल विदेशों से भारत में कारों को आयात न करे क्योंकि इससे देश में रोजगार पैदा नहीं होंगे. कुमार की टिप्पणी पब्लिक अफेयर्स फोरम ऑफ इंडिया (पीएएफआई) में आई, जहां उन्होंने कहा कि अगर कंपनी देश में कारों का निर्माण शुरू करती है, तो उसे वह सभी टैक्स ब्रेक मिलेंगे जो वह चाहती है.
"आओ और भारत में निर्माण करो, आपको (टेस्ला) सभी कर लाभ मिलेंगे जो आप चाहते हैं. यह तर्क कि हम भारत में तैयार कारों का आयात करके एक बाजार बनाएंगे एक पुराना तर्क है और हम उससे आगे बढ़ गए हैं," कुमार ने कहा.
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हाल ही में केंद्रिय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने दुनिया के सबसी मूल्यवान कार कंपनी टेस्ला से भारत में निर्माण कार्य शुरू करने का आग्रह किया था. उन्होंने वादा किया था कि इसके लिए भारत सरकार द्वारा हर सहायता दी जाएगी.