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सड़क दुर्घटना में मृतकों की संख्या 4 साल में आधी करना चाहते हैं गडकरी - रिपोर्ट

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Nitin Gadkari Aims To Cut Road Accident Deaths By 50 Per Cent In Next 4 Years Report
नितिन गडकरी ने फरवरी 2020 में स्वीडन में आयोजित तीसरी वैश्विक मिनिस्टेरियल कॉन्फ्रेंस, स्टॉकहोम डिक्लियरेशन की ओर इशारा किया. जानें क्या है मामला?
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द्वारा कारएंडबाइक टीम

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प्रकाशित अप्रैल 20, 2021

हाइलाइट्स

    सड़क परिवहन और राजमार्ग के केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने घोषणा की है कि अगले चार साल में सड़क दुर्घटना के कारण मरने वालों की संख्या को आधा करने का लक्ष्य रखा गया है. इंटरनेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ सिक्योरिटी एंड सेफ्टी मैनेजमेंट (IISSM) द्वारा आयोजित एक वैबिनार को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री ने सड़कों को पहले से ज़्यादा सुरक्षित बनाने के लिए नया रोडमैप बनाने की बात कही. इस इवेंट में गडकरी ने कहा कि, “भारत में हर साल सड़क दुर्घटना में 1.5 लाख से ज़्यादा लोग अपनी जान गंवाते हैं, वहीं 5 लाख लोग घायल होते हैं. 2025 तक हमारा प्लान है कि मौत के इस आंकड़े को 50 प्रतिशत कम किया जाए और 2030 तक यह संख्या 0 हो जाए.”

    q32mm338भारत में हर साल सड़क दुर्घटना में 1.5 लाख से ज़्यादा लोग अपनी जान गंवाते हैं - नितिन गडकरी

    अपने वक्तव्य में नितिन गडकरी ने फरवरी 2020 में स्वीडन में आयोजित तीसरी वैश्विक मिनिस्टेरियल कॉन्फ्रेंस, स्टॉकहोम डिक्लियरेशन की ओर इशारा किया जिसमें 2030 तक सड़क दुर्घटना में मरने वालों की संख्या को 50 प्रतिशत कम किए जाने का फैसला किया गया है. हालांकि गडकरी ने अपनी नीति में यह सुधार 5 साल पहले से करने की बात कही है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मंत्रालय कई पहलुओं पर ध्यान लगा रहा है जिनमें इंजीनियरिंग, प्रभावशाली रूप से पालन, ट्रेनिंग और आपातकालीन सुविधाओं को दुरुस्त करना शामिल है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि भारतीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने मोटर वाहन नियम 2019 में बदलाव कर दिए हैं और अब यह केंद्र और राज्य का ज़िम्मा है कि नियमों का पालन किया जाए.

    ये भी पढ़ें : भारत बनेगा दुनिया का सबसे बड़ा इलेक्ट्रिक वाहन बनाने वाला देश - नितिन गडकरी

    नितिन गडकरी ने आगे कहा कि ट्रेनिंग स्कूल में ही ड्राइवरों को सड़क सुरक्षा के लिए जागरूक बनाना भी रोडमैप में शामिल है. उन्होंने कहा कि देश को 22 लाख ज़िम्मेदार ड्राइवर्स की आवश्यक्ता है जिसकी पूर्ती के लिए पहले से ट्रेनिंग सेंटर पर काम शुरू हो चुका है. दूसरी ओर जन आक्रोश नामक एनजीओ भी सड़क सुरक्षा को लेकर जागरूकता फैला रहा है. स्थिति की गंभरता पर बल देते हुए गडकरी ने कहा कि मरने वालों में 70 प्रतिशत लोगों की उम्र 18 से 45 वर्ष होती है जिससे ना सिर्फ जान जाती है, बल्कि भारत की जीडीपी पर 3.14 प्रतिशत का असर भी पड़ता है.

    सोर्सः ET Auto

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