तेज़ रफ्तार बनी एक्सीडेंट्स की सबसे बड़ी वजह, गलत दिशा में वाहन चलाना भी रहा मुख्य कारण
हाइलाइट्स
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने हाल ही में 2021 के लिए भारत में सड़क दुर्घटनाओं की रिपोर्ट प्रकाशित की है, जो पिछले कैलेंडर वर्ष (2021) के लिए सड़क दुर्घटनाओं की संख्या, कारणों और रुझानों पर करीब से नज़र डालती है. रिपोर्ट के अनुसार देश में 2022 के दौरान 4,12,432 सड़क दुर्घटनाएं दर्ज की गईं जिनमें 1,53,972 लोगों की मौतें हुईं. डाटा ने इन दुर्घटनाओं के एक बड़े हिस्से की वजह तेज़ रफ्तार को बताया है.
MoRTH के अनुसार, 2021 में देश में 2,95,522 दुर्घटनाएँ हुईं, जिसमें से 1.07 लाख से अधिक मौतों के साथ ओवरस्पीडिंग के कारण हुईं. यह वर्ष के दौरान कुल दुर्घटनाओं का लगभग 71.7 प्रतिशत और मृत्यु का 69.6 प्रतिशत था. 77,536 दुर्घटनाओं (18.8 प्रतिशत) और 31,639 सड़क मौतों (20.5 प्रतिशत) के साथ सड़क पर्यावरण, वाहनों की स्थिति आदि जैसे अन्य कारकों का दूसरा सबसे बड़ा योगदान था. 21,491 दुर्घटनाओं और 8,122 मौतों के साथ गलत दिशा में गाड़ी चलाना तीसरा प्रमुख योगदानकर्ता था.
राष्ट्रीय राजमार्गों पर हुई कुल 1,28,825 दुर्घटनाओं में से भारत ने 2021 में ओवरस्पीडिंग से संबंधित 95,785 दुर्घटनाओं (74.4 प्रतिशत) की सूचना दी. मौतों की संख्या 56,007 मौतों में से 40,450 या 72.2 प्रतिशत थी. अन्य सड़क कारक गलत साइड ड्राइविंग के बाद दूसरा सबसे बड़ा कारण बने रहे. शहरों के पूरे आंकड़ों के आधार पर 2021 के दौरान 67,301 दुर्घटनाएं और 15,350 मौतें दर्ज की गईं, जिनमें से 45,942 दुर्घटनाएं (68.3 प्रतिशत) और 9,985 मौतें (65 प्रतिशत) ओवरस्पीडिंग के कारण हुईं.अन्य कारण सड़क दुर्घटनाओं की दूसरी सबसे बड़ी वजह बने जिसमें गलत साइड ड्राइविंग/सवारी सबसे ज्यादा थी.
नशे में गाड़ी चलाना दुर्घटनाओं और मृत्यु का चौथा प्रमुख कारण था, जो देश में 2.2 प्रतिशत सड़क दुर्घटनाओं और मौतों में योगदान देता है.
Last Updated on December 29, 2022