मोटर दुर्घटना पीड़ितों के लिए कैशलेस उपचार शुरू करने की योजना
हाइलाइट्स
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने मोटर दुर्घटना पीड़ितों के कैशलेस उपचार की योजना को लागू करने के लिए एक ब्लू प्रिंट तैयार किया है. मोटर वाहन अधिनियम 2019 में पहले से ही इसका उल्लेख किया गया है और प्रस्ताव में पीड़ितों के इलाज में महत्वपूर्ण स्वर्णिम घंटे के दौरान इलाज भी शामिल है, जो कि हजारों लोगों की जान बचाने में मदद करेगा. सड़क दुर्घटनाओं के मामले में भारत दुनिया में सबसे आगे रहता है और 2018 में इस कारण देश भर में लगभग 1.5 लाख लोगों ने अपनी जान गंवाई.
2018 में, सड़क दुर्घटनाओं के कारण देश भर में लगभग 1.5 लाख लोगों ने अपनी जान गंवाई.
मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को पत्र लिखा है कि वे सड़क दुर्घटनाओं के सभी पीड़ितों को कैशलेस उपचार प्रदान करने के बारे में अपने विचार प्रस्तुत करें. एक मोटर वाहन दुर्घटना फंड बनाने का भी प्रस्ताव है, जिसका उपयोग सड़क दुर्घटना पीड़ितों के इलाज और घायलों को मुआवजा देने या हिट एंड रन मामलों में जान गंवाने वाले व्यक्ति के परिवार के लिए किया जाएगा. सरकार के अनुसार, योजना के प्रस्तावित तौर-तरीकों को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि वे सभी व्यक्तियों के लिए सही समय पर देखभाल दी जा सके, भले ही उनकी भुगतान की क्षमता कुछ भी हो.
यह भी पढ़ें: हाईवे पर दुर्घटनाएं कम करने के लिए शुरू हुआ जागरूकता अभियान
राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण को योजना को लागू करने का ज़िम्मा सौंपा गया है
राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण जो केंद्र सरकार की आयुष्मान भारत योजना के तहत नोडल एजेंसी है, को योजना को लागू करने का ज़िम्मा सौंपा गया है. प्राधिकरण ने देश भर के 21,000 से अधिक अस्पतालों के साथ समझौता किया हुआ है. विषय पर अंतिम निर्णय 10 जुलाई, 2020 के बाद लिया जाएगा, क्योंकि सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के अपने सुझावों के साथ जवाब देना की यही समय सीमा तय की गई है.