रिलायंस नए ऊर्जा व्यापार में बैटरी बनाने के लिए गीगाफैक्ट्री पर करेगी Rs. 60,000 करोड़ का निवेश
हाइलाइट्स
भारतीय उद्योग जगत की धुरंधर रिलायंस इंडस्ट्रीज़ लिमिटेड ने नए ऐनर्जी बिज़नेस में प्रवेश करने की घोषणा की है. कंपनी ने धीरूभाई अंबानी ग्रीन ऐनर्जी गीगा कॉम्प्लैक्स बनाया है जिसपर कुल रु 75,000 करोड़ का निवेश किया गया है. यह नई फैक्ट्री जामनगर में बनाई जाएगी और 5,000 एकड़ में फैली होगी. रिलायंस इंडिया लिमिटेड की सालाना वर्चुअल मीटिंग में सीएमडी, मुकेश अंबानी ने बताया कि, यह फैक्ट्री दुनिया में सबसे बड़ी इंटीग्रेटेड रिन्यूवेबल ऐनर्जी उत्पादकों में एक होगी. कंपनी के ऐनर्जी व्यापार की शुरुआत जामनगर से हुई थी और नए ऐनर्जी व्यापार की शुरुआत भी यहीं से की जाएगी.
अपने नए ऐनर्जी बिज़नेस के लिए रिलायंस ने तीन हिस्सों में बंटा प्लान साझा किया है. पहले हिस्से में गीगा फैक्ट्री की बिल्डिंग आती है. यहां नए ऐनर्जी ईकोसिस्टम के सभी मुख्य पुर्ज़े बनाए और जोड़े जाएंगे. कंपनी अगले तीन साल में चार गीगा फैक्ट्री पर रु 60,000 करोड़ निवेश करने वाली है.
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पहला हिस्सा सोलर ऐनर्जी पैदा करना होगा जिसके लिए इंटीग्रेटेड सोलर फोटोवोल्टेक मॉड्यूल फैक्ट्री का निर्माण किया जाएगा. प्लान के दूसरे हिस्से में पैदा की हुई सोलर ऐनर्जी या सौर ऊर्जा को जमा करना शामिल है जिसके लिए रिलायंस आधुनिक ऐनर्जी स्टोरेज बैटरी फैक्ट्री खोलेगी. तीसरे हिस्से में ग्रीन हाईड्रोजन का उत्पादन किया जाएगा और कंपनी इसके लिए एक इलेक्ट्रोलाइज़र फैक्ट्री खोलने वाली है.
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चौथी और अंतिम फैक्ट्री फ्यूल सेल फैक्ट्री होगी जिसमें हाईड्रोजन को गाड़ियों की बैटरी में इस्तेमाल होने वाली ताकत में बदला जाएगा. रिलायंस का प्लान है कि पूरी तरह इंटीग्रेटेड एंड-टू-एंड रिन्यूवेबल ऐनर्जी ईकोसिस्टम बनाया जाए. कंपनी ने अपने बयान में कहा है कि, इस व्यापार को बेहतर बनाने के लिए रिलायंस अलग से दो विभाग बनाएगी जो इस ईकोसिस्टम को मज़बूत बनाएंगे. इसके अंतर्गत रिन्यूवेबल ऐनर्जी प्रोजैक्ट मैनेजमेंट और कंस्ट्रक्शन डिविजन के साथ-साथ रिन्यूवेबल ऐनर्जी प्रोजैक्ट फायनेंस डिविजन शामिल हैं.