कारों में नहीं होगी स्टेपनी देने की ज़रूरत अगर होंगे यह फीचर
हाइलाइट्स
एक अहम फैसले में केंद्र सरकार के परिवहन मंत्रालय ने कहा है कि टायर प्रेशर मॉनिटरिंग सिस्टम या ट्यूबलेस टायर जैसे फीचर के साथ आने वाली कारों में अब कंपनियों को स्टेपनी देने की ज़रूररत नहीं होगी. यह नियम अधिकतम 3.5 टन वज़न तक के वाहनों के लिए लागू होगा. टायर प्रेशर मॉनिटरिंग सिस्टम वाहन के चलते रहने की स्थिति में टायरों में बची हुई हवा की निगरानी करता है और ड्राइवर को पहले से ही हवा कम होने की जानकारी दे देता है.
नए नियम अंतरराष्ट्रीय मानदंडों के अनुरूप हैं और इससे कार में अधिक जगह मिलेगी.
सरकार ने अतिरिक्त टायर के बजाए एक टायर रिपेयर किट कार में रखने की बात कही है. ट्यूबलेस टायर अगर पंचर होते हैं तो रिपेयर किट के उपयोग से सीलेंट को टायर के पंचर हुए स्थान पर एयर सील के साथ डाला जा सकता है. सरकार के मुताबिक यह अंतरराष्ट्रीय मानदंडों के अनुरूप है और इससे कार में अधिक जगह मिलेगी. मिसाल के तौर पर इलेक्ट्रिक वाहनों में बैट्री को आसानी से फिट किया जा सकेगा.
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दुपहिया वाहनों में स्टैंड के नियम भी तय किए गए हैं
वर्तमान में, दुपहिया के स्टैंड के कोई नियम नहीं हैं और अब उसके लिए एआईएस मानक तय किए गए हैं. इसके अतिरिक्त, दुपहिया वाहनों में फुट रेस्ट आवश्यकताओं के लिए भी मानक अधिसूचित किए गए है. दुपहिया वाहनों में, अगर एक हल्के वजन का एक कंटेनर पीछे की सवारी के पीछे के स्थान पर लगा हुआ है, तो पीछे की सवारी को बैठने की अनुमति देने के लिए प्रावधान किया गया है. लेकिन वाहन निर्माता और टेस्टिंग एजेंसी द्वारा बताए गए वज़न और आयाम के नियमों का सख्ती से ख़्याल रखना होगा.
Last Updated on July 22, 2020