इस विशाल 64 पहिया ट्रक को महाराष्ट्र से केरल पहुंचने में लगा 1 साल का समय
हाइलाइट्स
महाराष्ट्र और केरल राज्यों के बीच हाईवी मशीनरी ले जाने वाले धीमी गति से चलने वाले एक ट्रक को अपनी यात्रा को पूरी करने में एक वर्ष से भी ज़्यादा का समय लग गया. तिरुवनंतपुरम में विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र के लिए नियत ट्रक एक साल पहले जुलाई 2019 में महाराष्ट्र के नासिक से निकला था. ट्रक एक अंतरिक्ष आटोक्लेव ले जा रहा था और इस भारी मशीनरी की वजह से बमुश्किल हर रोज 5 किलोमीटर तक ही चल पा रहा था. कोरोनावायरस लॉकडाउन के कारण भी कुछ देरी हुई, जिसके दौरान वाहन दो महीने से अधिक समय तक नहीं चल सका.
64 पहियों वाले ट्रक के ऊपर रखी गई मशीनरी का वजन लगभग 70 टन था.
64 पहियों वाले ट्रक के ऊपर रखी गई मशीनरी का वजन लगभग 70 टन था. 7.5 मीटर की ऊंचाई और 6.65 मीटर की चौड़ाई के साथ विभिन्न प्रकार की सड़कों से गुज़रना वाहन के लिए बिल्कुल आसान नहीं था. एक सुरक्षित मार्ग सुनिश्चित करने के लिए ट्रक के साथ कंपनी के 32 सदस्य चल रहे थे. अपने सफर में ट्रक ने चार दक्षिणी राज्यों को पार किया.
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ट्रक आखिरकार शनिवार को विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र पर पहुंच गया
"हम कार्गो के वजन को ले जाने के लिए रस्सियों का उपयोग कर रहे हैं. इसे दो एक्सल, आगे और पीछे से खींच रहे हैं. दोनों में 32 पहिए हैं और खींचने वाले में 10 पहिए हैं. खींचने वाला यह सब खींच रहा है. ड्रॉप डेक का वजन 10 टन है और कार्गो का 78 टन है. वजन दोनो एक्सल में बराबर बांटा गया है," एक अधिकारी ने एएनआई को बताया. एक अन्य अंतरिक्ष आटोक्लेव जो विभिन्न एयरोस्पेस उत्पादों का निर्माण करने के लिए उपयोग किया जाता है, जल्द ही तिरुवनंतपुरम के लिए नासिक से एक समान यात्रा शुरू करेगा, और इस बार उम्मीद है कि इसमें इतना समय नहीं लगेगा.