कार और बाइक प्रदूषण सर्टिफिकेट के लिए अब वीडियो वैरिफिकेशन जरूरी
हाइलाइट्स
वाहनों से वास्तविक दुनिया में उत्सर्जन पर लगाम लगाने के लिए एक बड़े कदम में सरकार ने एक अधिसूचना जारी की है, जिसमें प्रदूषण नियंत्रण (पीयूसी) परीक्षण प्रक्रिया का संचालन करते समय एक वीडियो रिकॉर्ड करना अनिवार्य कर दिया गया है. यह आदेश देश भर में पीयूसी प्रमाणन के लिए परीक्षण किए जा रहे सभी वाहनों पर लागू होता है. वाहन मालिक को प्रमाणपत्र जारी करने से पहले वीडियो सरकार के VAHAN पोर्टल पर अपलोड किए जाएंगे. नए दिशानिर्देश दिल्ली में तत्काल प्रभाव से लागू होंगे और जल्द ही अन्य राज्यों में भी इसका पालन किया जाएगा.
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नये विनियमन का उद्देश्य पीयूसी प्रमाणपत्र सौंपते समय धोखाधड़ी प्रथाओं पर अंकुश लगाना है. इससे पीयूसी केंद्रों को जवाबदेह बनाते हुए पीयूसी प्रमाणपत्रों की सटीकता की गारंटी देने में भी मदद मिलेगी. अधिकारियों को कुछ पीयूसी केंद्रों द्वारा वाहनों का परीक्षण किए बिना ही पीयूसी प्रमाणपत्र जारी करने के बारे में कई शिकायतें मिलने के बाद यह निर्णय लिया गया. अधिकांश भारतीय शहरों में प्रदूषण के बढ़ते स्तर के मद्देनजर, सड़कों पर पहले से ही चलने वाले वाहनों पर उत्सर्जन नियंत्रण को सख्ती से लागू करने की आवश्यकता अब पहले से कहीं अधिक है.
परिवर्तन को सुविधाजनक बनाने के लिए, VAHAN पोर्टल, जो सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) द्वारा ई-सर्विस के लिए राष्ट्रीय रजिस्ट्री के रूप में कार्य करता है, में वीडियो अपलोडिंग फ़ंक्शन को शामिल करने के लिए परिवर्तन किए गए हैं. इन परिवर्तनों को राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) द्वारा शामिल किया गया, जिससे देश भर में पीयूसी केंद्रों तक पहुंच दी गई.
मोटर वाहन अधिनियम 1989 के अनुसार, पीयूसी प्रमाणपत्र प्रत्येक वाहन के लिए एक अनिवार्य दस्तावेज है. मालिकों को हर समय अपने पास पीयूसी प्रमाणपत्र को रिन्यू करवा कर रखना होगा. दस्तावेज़ अनिवार्य रूप से सत्यापित करता है कि वाहन के पास सड़कों पर चलने के लिए महत्वपूर्ण उत्सर्जन स्तर है. कहने की जरूरत नहीं है कि इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए इनकी आवश्यकता नहीं होती है. सुनिश्चित करें कि पीयूसी प्रमाणीकरण हमेशा अधिकृत केंद्र से ही करवाया जाए.