शाओमी SU7 फर्स्ट लुक: स्मार्टफोन से लेकर ईवी तक, शाओमी की पहली कार भारत पहुंची
हाइलाइट्स
- 700 किमी+ रेंज वाली 4-दरवाजे, पांच-सीटर सी-सेगमेंट सेडान है
- कुछ अनूठी खासियतों के साथ अंदर से प्रीमियम दिखती है
- फिलहाल केवल चीन में रु.25 से रु.35 लाख में बिक्री पर है
हम भारतीय शाओमी को ज्यादातर स्मार्टफोन से जोड़ते हैं. इसकी काफी संभावना है कि आप में से कई लोग इस वीडियो या रिव्यू को Mi या Redmi के किसी डिवाइस पर पढ़ या देख रहे हों. लेकिन चीन में शाओमी एक इलेक्ट्रॉनिक्स दिग्गज है जो स्मार्टफोन से लेकर स्मार्टवॉच तक, वैक्यूम क्लीनर से लेकर एयर फ्रायर और यहां तक कि हेयर ड्रायर तक सब कुछ बनाती है. जब इसने पहली बार ईवी बनाने के अपने इरादे की घोषणा की, तो इसकी मार्केट वैल्यू लड़खड़ा गई. ऑटोमोटिव व्यवसाय की कठिन प्रकृति और इसमें अनुभव की पूर्ण कमी को देखते हुए यह मुश्किल लग रहा था. लेकिन, आश्चर्यजनक रूप से तीन साल बाद कंपनी ने वास्तव में अपनी इलेक्ट्रिक कार तैयार होने की घोषणा की. इस सप्ताह की शुरुआत में चीन में डिलेवरी शुरू होने के साथ, कंपनी 80,000 ऑर्डर प्राप्त कर चुकी है. निःसंदेह, प्रोडक्शन में अभी तेजी आना बाकी है. उन्होंने अब तक 27,000 कारों की डिलेवरी की है और इस साल के अंत तक आंकड़ा 1 लाख पार करने की उम्मीद है. चीन के लिए यह कुछ तो सही कर रहे होंगे. आइये देखें कि क्या SU7 भारत में भी चीन में लिख रही कहानी को दोहरा सकती है.
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SU7 शाओमी की पहली इलेक्ट्रिक कार है, जिसे कंपनी फिलहाल घरेलू बाज़ार में बेच रही है
आकार, डिज़ाइन और चेसिस
शाओमी SU7 (उच्चारण ess-you-seven) एक ऑल-इलेक्ट्रिक, चार-दरवाजों वालाी परफॉर्मेंस कार है. यह एक सी-सेगमेंट कार है इसलिए इसका मुकाबला स्कोडा ऑक्टेविया या हाल ही में लॉन्च हुई BYD सील से है. कार करीब 5 मीटर लंबी है. अकेले व्हीलबेस 3000 मिमी है जो वास्तव में टोयोटा इनोवा क्रिस्टा से भी अधिक है. न्यूनतम ग्राउंड क्लीयरेंस 124 मिमी के साथ है, लेकिन एयर सस्पेंशन की मदद से इसे 50 मिमी तक और बढ़ाया जा सकता है. जगह के मामले में इसकी सबसे बड़ी खासियतों में से एक सामान ले जाने की क्षमता है. इसमें एक बढ़िया 517 लीटर रियर ट्रंक और बोनट के नीचे 105 लीटर का अच्छा स्टोरेज है. यह 'फ्रंक' हमारे द्वारा देखे गए सबसे बड़े में से एक है.
SU7 के सामने के हिस्से में टियरड्रॉप हेडलाइट्स हैं और ईवी सामने से पहली नज़र में महंगी नज़र आती है
SU7 निश्चित रूप से महंगी दिखती है. सामने एलईडी लाइट्स के साथ टियरड्रॉप हेडलाइट्स, 21 इंच के पहियों के साथ मस्कुलर फ्रंट व्हील आर्च, पीछे की ओर एक बड़े टेललैंप डिजाइन के साथ एक ढलान वाला सिल्हूट है. इसमें तेज़ घूमने वाले एयरो बिट्स भी हैं जैसे कि फ्रंट बम्पर में एक्टिव एयर इंटेक और इलेक्ट्रॉनिक रूप से चलने वाला रियर विंग स्पॉइलर मिलता है.
शाओमी का दावा है कि उसने इस कार के फ्रंट और रियर एक्सल के बीच 50:50 वजन मैनेज किया है
चेसिस को घर में ही विकसित किया गया है और दावा किया गया है कि स्टील और एल्युमीनियम के इस्तेमाल से यह सख्त लेकिन हल्का है. इसके फ्रंट में डबल विशबोन सस्पेंशन और रियर में फाइव लिंक इंडिपेंडेंट सस्पेंशन का इस्तेमाल किया गया है. इसकी अधिकांश इलेक्ट्रिक सिस्टम सिलिकॉन कार्बाइड का उपयोग करता है जिसकी दक्षता लगभग 100% है. यह एक स्केटबोर्ड डिज़ाइन प्लेटफ़ॉर्म है इसलिए बैटरी चेसिस का हिस्सा है न कि अलग से दिया गया है. इससे कार के पूरे ढांचे की मजबूती में भी मदद मिलती है. बैटरी खुद चीनी कंपनी CATL से ली गई है. शाओमी का दावा है कि उसने इस कार के फ्रंट और रियर एक्सल के बीच 50:50 वजन मैनेज किया है. SU7 को चीन में क्रैश टैस्ट रेटिंग में 5-स्टार रेटिंग दी गई है.
SU7 एक सही बॉडी टू वेट रेश्यू पाने में सफल रहने वाली ईवी है
अच्छी डिटेल्स के साथ अगर आपको भी यह पढ़ना अच्छा लग रहा है तो ऐसा शायद इसलिए है, क्योंकि SU7 डिज़ाइनर सही अनुपात प्राप्त करने के लिए अड़े रहे. आप टेस्ला और पॉर्श से "डिज़ाइन प्रेरणा" स्पष्ट रूप से देख सकते हैं लेकिन यह निश्चित रूप से एक सस्ती नकल की तरह नहीं दिखती है.
रेंज और चार्जिंग
घर पर SU7 तीन वैरिएंट्स में उपलब्ध है और इनके नाम कंपनी घिसे-पिटे हैं जैसे अमूमन कंपनी के स्मार्टफोन नाम होते हैं, जैसे SU7, SU7 Pro और SU7 Max हैं. बैटरी पैक, प्रदर्शन और उनके बीच का अंतर अहम है.
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मानक SU7 को 700 किमी की दावा की गई रेंज के लिए 73.6kWh बैटरी पैक मिलता है. यह एक एलएफपी बैटरी है. इसमें सिंगल मोटर भी है. प्रो मॉडल में 830km रेंज वाली 94.3kWh बैटरी मिलती है, जबकि मैक्स में 101kWh की सबसे बड़ी बैटरी के साथ 800 किमी की रेंज मिलती है.
शाओमी का दावा है कि 400V केवल 5 मिनट में कार को 138 किमी तक के लिए चार्ज कर देगा, जबकि 800V के चार्जर से कार 5 मिनट में 220 किमी के लिए चार्ज हो जाती है
यहां चुनने के लिए दो उच्च वोल्टेज प्लेटफ़ॉर्म हैं, 400 या 800 वोल्ट. शाओमी का दावा है कि 400V केवल 5 मिनट की चार्जिंग में 138 किमी की रेंज दे सकता है जबकि 15 मिनट की चार्जिंग में 350 किमी की रेंज दे सकता है. 800V एडिशन को 5 मिनट चार्ज करने पर 220 किमी की रेंज मिलती है जबकि 15 मिनट में 510 किमी तक की रेंज मिल सकती है.
सुनने में अच्छा लगता है, लेकिन यह सही है या नहीं ये तो टैस्ट करने के बाद ही पता चलेगा? खैर, अच्छी बात यह है कि कंपनी के अपने सुपर चार्जिंग नेटवर्क पर चार्ज करने पर ये समय संभव है, जिसमें 600kW चार्जर हैं. भारत में अभी भी अधिकांश फास्ट चार्जर 25-30kW के हैं. शाओमी SU7, एक 7 और 11kW होम चार्जर के साथ भी आती है और आपातकालीन स्थिति में SU7 को नियमित 2.8kW होम पावर सॉकेट या 3.5 किलोवाट बाहरी में भी प्लग किया जा सकता है.
इंजन और परफॉर्मेंस
मानक और प्रो वैरिएंट में एक सिंगल मोटर SU7 295bhp की ताकत और 400Nm का टॉर्क पैदा करती है. यहां परफॉर्मेंस SU7 मैक्स में डुअल मोटर है. साथ में यह 664bhp की ताकत और 838Nm का टॉर्क बनाती है. इसकी अधिकतम शक्ति बूस्ट मोड में आती है जिसे स्टीयरिंग व्हील पर एक फिजिकल स्विच के साथ इस्तेमाल किया जा सकता है. शाओमी का दावा है कि SU7 मैक्स 0-100kph की रफ्तार को मात्र 2.78 सेकंड पकड़ सकती है, SU7 10.67 सेकेंड में 0-200 किमी प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ सकती है जो भारतीय सड़कों पर लगभग 80% कारों के 0-100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से बेहतर है. इसकी टॉप स्पीड 265kph होने का दावा किया गया है. मानक वैरिएंट 5.28 सेकंड में 0-100 की गति प्राप्त कर सकती है जबकि प्रो वैरिएंट 5.7 सेकंड में यह आंकड़ा छू सकता है. दोनों की टॉप स्पीड 210kph है.
कैबिन और फीचर्स
कार में ड्राइवर की तरफ बी-पिलर पर एक रीडर के माध्यम से पहुंच के लिए एक की कार्ड मिलता है. अपने अच्छे व्हील बेस और स्पेस के चतुर उपयोग के कारण SU7 में एक बड़ा कैबिन है. यह उचित रूप से पांच सीटों वाली कार है. यह 4 कलर के कैबिन ऑप्शन के साथ आती है. सामने की ओर सुंदर ढंग से बनाए गए कैबिन में एक बड़ा 16.1 इंच, 3K टचस्क्रीन है. हालाँकि यह उन घूमने वाली स्क्रीनों की तरह दिखता है जिन्हें हमने BYD कारों पर देखा है, लेकिन चीज़ों फर्क है. कार के अधिकांश कार्य इसी स्क्रीन के माध्यम से करने पड़ते हैं. इस खास मॉडल में केवल चीनी भाषा इंटरफ़ेस था इसलिए यह कितना सहज है, इस पर टिप्पणी नहीं कर सकता. लेकिन यह तेजी से काम कर रहा था और कलरफुल था. सेंटर कंसोल पर कुछ बुनियादी टॉगल स्विच और फ्लैट-बॉटम स्टीयरिंग व्हील पर दो ड्राइव बटन हैं, जो फिर से जर्मन कार निर्माताओं से प्रेरित हैं. फ्लैट बॉटम स्टीयरिंग व्हील पकड़ने में अच्छा है लेकिन थोड़ा प्लास्टिक जैसा दिखता है.
SU7 में एक बड़ा कैबिन है. यह उचित रूप से पांच सीटों वाली कार है
ड्राइवर के दृष्टिकोण से तीन दिलचस्प बातें हैं. पहला एक घूमने वाला इंस्ट्रूमेंट क्लस्टर है जो कार में बैठने पर स्वागत करता है. दूसरा, इसमें 56 इंच का बड़ा हेड-अप डिस्प्ले है. ये मिलकर ड्राइवर को सभी आवश्यक जानकारी देते हैं. तीसरा यह है कि ड्राइवर और यहां तक कि को-पैसेंजर के हेडरेस्ट में निजी कॉल लेने के लिए स्पीकर मिलता है ताकि यह कार में 25-स्पीकर साउंड सिस्टम में हस्तक्षेप न करे.
कैबिन में एक बड़ा 16.1 इंच, 3K टचस्क्रीन है
एंबियंट लाइटिंग को म्यूजिक के साथ भी जोड़ा जा सकता है. सीटों में मल्टीलेयर कुशनिंग है और ये नप्पा लेदर फिनिश के साथ आती हैं. इस सबसे महंगे वैरिएंट में रूफ ट्रिम जैसी जगहों पर अलंकतारा भी देखने को मिलता है.
सभी सीटें वेंटिलेटेड हैं और बैठने वालों आराम देने के लिए किनारों पर एक्टिव कुशनिंग के साथ आती हैं. इसमें कई स्टोरेज स्पेस हैं जिनमें एक छोटा लैपटॉप रखने के लिए पर्याप्त बड़ा ग्लॉव बॉक्स और सामने के दरवाजे पर छोटे अंब्रेला होल्डर शामिल हैं. स्मार्टफ़ोन के लिए तेज़ वायरलेस चार्जिंग पैड मानक है. इसके अलावा 7 एयरबैग भी स्टैंडर्ड हैं.
कार कैबिन के हर कोने से देखने पर एक महंगी कार होने का एहसास कराती है
पीछे की सीट आलीशान और मजबूत है. तीन लोग एक-दूसरे के साथ आसानी से बैठ सकते हैं. औसतन 5'8'' के एडल्ट के लिए लेगरूम और हेडरूम ठीक लगता है. हालांकि फर्श थोड़ा ऊंचा है, इसलिए थाई सपोर्ट पर्याप्त नहीं है. पीछे भी वेंटिलेटेड सीटें दी गई हैं, लेकिन अगर पीछे कोई वैकल्पिक स्क्रीन नहीं लगी हो तो आपको इसे आगे से ही इस्तेमाल करना होगा.
पीछे के यात्रियों के लिए एक अच्छी सुविधा एक रेफ्रिजरेटर है, जो ठंडा और गर्म दोनों कर सकता है. इसे चतुराई से फ्रंट सेंटर आर्मरेस्ट के नीचे पैक किया गया है और पीछे की तरफ स्लाइड करके खुल सकता है. इसे खोलना तब आसान होगा जब पीछे बीच वाली सीट पर कोई न बैठा हो. हालांकि पीछे का फर्श सपाट है इसलिए सीट भरी होने की स्थिति में पैर रखने की जगह की कोई समस्या नहीं है.
कार में स्पेस की कोई कमी नहीं है और कई जगहों पर आपको छोटा-मोटा सामान रखने का विकल्प मिल जाता है
SU7 आगे की सीटों के बैकरेस्ट पर दो शाओमी टैबलेट या iPad फिट करने की अनुमति देता है. तो इन्हें और सामने की सभी तीन स्क्रीन - इंस्ट्रूमेंट क्लस्टर, मुख्य इंफोटेनमेंट टचस्क्रीन और HUD - को सिंक किया जा सकता है. इसमें पैनोरमिक फिक्स्ड ग्लास छत है. यह फोटोक्रोमिक नहीं है लेकिन इसमें एक रंग है. निश्चित नहीं कि भारतीय गर्मियों में यह कितना आरामदायक होगा.
SU7 के दरवाजे वास्तविक GT शैली में फ्रेमलेस हैं. अल्ट्रा लग्जरी कारों की तरह, वे सॉफ्ट टच हैं और एक बटन के टच से अंदर से खोले जा सकते हैं.
एडीएएस (ADAS)
यह आश्चर्य की बात नहीं है कि एक टेक कंपनी से आने वाली शाओमी SU7 को अपने पहले अवतार में लेवल 2 ADAS फंक्शन मिलते है. इसमें सभी रेंज में मानक के रूप में 16 ड्राइवर सहायता सुविधाओं के साथ 11 कैमरे हैं. ये दो पैकेजों में उपलब्ध हैं, पायलट प्रो और पायलट मैक्स. पायलट मैक्स के पीछे अतिरिक्त रडार और एक बड़ा, तेज़ प्रोसेसर है. कार में ADAS के लिए प्री-सेट मोड भी मिलते हैं - सिटी पायलट असिस्ट, हाईवे पायलट असिस्ट और वैलेट पार्किंग (सेल्फ पार्किंग) आदि. जैसा कि उनके नाम से पता चलता है, प्रत्येक प्रकार के ट्रैफ़िक में उपयोगी है.
फैसला
SU7 को बीजिंग स्थित समूह की पर्यावरण-अनुकूल सुविधा में बनाया गया है जो सौर ऊर्जा के माध्यम से अपनी ऊर्जा बनाती है और शून्य प्रदूषण करने में सक्षम है. यह शायद उनकी पहली कार है लेकिन पहला गतिशीलता समाधान नहीं है क्योंकि यह पहले से ही घरेलू उपकरणों के साथ इलेक्ट्रिक स्कूटर बेच रहा है. ये यूरोप में बहुत लोकप्रिय रहे हैं.
शाओमी की ईवी को जिस तरह अपने देश में रिस्पांस मिला है वह शानदार है, एक रु.25-35 लाख के बीच की ईवी में इतने सारे फीचर्स अपने आप में शानदार हैं, लेकिन भारत जैसे देश में लाने से पहले वाहन निर्माता को कुछ साल अपने घरेलू बाज़ार पर ध्यान केंद्रित करना चाहिये
यहाँ एक मजेदार तथ्य यह है कि चीन के बाहर भारत पहला देश था जहां शाओमी ने एक दशक से भी कम समय पहले स्मार्टफोन बेचना शुरू किया था. संयोगवश, SU7 वर्तमान में केवल चीन में ही बेची जा रही है. तो, क्या भारत इसे पाने वाला चीन के बाहर पहला देश होगा?
कार व्यवसाय की कठिनाइयों और 2016/17 की तुलना में आज की अलग राजनीतिक स्थिति को देखते हुए यह अब इतना आसान नहीं रह गया है, और चीन में SU7 की बढ़ती मांग के साथ, उनके लिए अगले 2-3 वर्षों के लिए अपने घरेलू बाजार पर ध्यान केंद्रित करना समझदारी हो सकती है. शाओमी ने भारत में अपने फोन तभी बेचना शुरू किया जब यह स्पष्ट हो गया कि वह इन्हें भारत में भी बना सकती है. तो, यहां अकेले ही इस कार को बेचा जाना संभव नहीं लगता है. हालांकि, कार की बात करें तो कम से कम कागज पर तो यह पैसा वसूल लगती है क्योंकि चीन में SU7 के मानक वैरिएंट की कीमत रु.25.40 लाख से शुरू होती है जो प्रो के लिए रु.28.90 लाख और मैक्स के लिए रु.35.25 लाख तक जाती है. यहां तक कि अगर कंपनी इसे आयात करती है, तो आप कीमत को लगभग दोगुना कर सकते हैं और यह BYD सील से थोड़ी अधिक महंगी होगी. यह ईवी यात्रियों और ड्राइवर दोनों के लिए वास्तव में कुछ अलग खासियतों से भरी हुई है, और असाधारण रूप से तेज़ चलती है. डिज़ाइन शायद "प्रेरित" है लेकिन यह स्पष्ट रूप से इसका हिस्सा दिखती है. कार इतनी अच्छी दिखती है कि अगर यह भारत में आती है तो आप इसे नज़रअंदाज नहीं कर पाएंगे.