मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे पर 190 साल पुराना अमृतांजन पुल गिराया गया
हाइलाइट्स
मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे पर स्थित 190 साल पुराने अमृतांजन पुल या रिवर्सिंग ब्रिज को हाल ही में ध्वस्त कर दिया गया. ब्रिटिश युग के शुरूआत में निर्मित इस पुल को 5 अप्रेल को एक विस्फोट के साथ हटा दिया गया, क्योंकि इससे मार्ग पर यातायात जाम और कई दुर्घटनाएं हो रही थीं. महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास निगम (एमएसआरडीसी) के मुताबिक लंबे समय से यह पुल काम में नहीं था लेकिन इसके खंभे वाहनों के आवागमन के रास्ते में आ रहे थे. 1930 में निर्मित इस पुल को लोनावाला के पास दो पहाड़ियों को जोड़ने के लिए डिजाइन किया गया था जब अंग्रेज बंबई और पूना के बीच रेलवे लाइन बिछा रहे थे. दोनों शहरों को उस समय इन्ही नामों से जाना जाता था. पुणे (पूना) से आने वाली ट्रेनें पुल पर रुकतीं और इंजन को ट्रेन के दूसरे छोर पर ले जाया जाता और फिर यह ट्रेन अपनी दिशा को पलटते हुए कर्जत की तरफ चली जाती. इस तरह इसे ' रिवर्सिंग ब्रिज ' नाम मिला. हालांकि देश की स्वतंत्रता के बाद दर्द राहत बाम के निर्माता अमृतांजन ने पुल के किनारे एक बड़ा होर्डिंग डाल दिया जो जल्द ही एक मील का पत्थर बन गया.
नवंबर 2020 में रिवर्सिंग पुल या अमृतांजन पुल 190 साल पूरे करने वाला था
मुंबई पुणे एक्सप्रेसवे लगभग 100 किमी लंबा है और इसके अधिकांश भाग के लिए यह एक छह लेन राजमार्ग है, हां अमृतांजन पुल के पास इसके चौड़े खंभों के कारण यह फोर लेन सड़क बन जाती थी. इससे न केवल यातायात धीमा हो गया बल्कि ब्लाइंड स्पॉट के कारण दुर्घटनाएं भी हुईं. अधिकारी काफी समय पहले पुल को ध्वस्त करना चाहते थे, लेकिन कई लोग चाहते थे कि इसे हेरिटेज साइट के रूप में संरक्षित किया जाए. कई कानूनी लड़ाइयों के बाद अंतत इसे ध्वस्त करने का निर्णय लिया गया. यह एक्सप्रेसवे देश के सबसे व्यस्त राजमार्गों में से एक है और पुल को ध्वस्त करने का मतलब होता कि कुछ दिनों के लिए यातायात को रोकना. लेकिन कोरोनावायरस फैलने के कारण एक्सप्रेसवे पर यातायात में भारी कमी आई, जिसने अधिकारियों के पक्ष में काम किया.