2020 ह्यून्दे वर्ना फेसलिफ्ट रिव्यु: नए इंजन के साथ बड़े बदलाव
हाइलाइट्स
ह्यून्दे वर्ना कॉम्पैक्ट सेडान काफी लोकप्रिय कार है और अब अपने मिडसाइकल फेसलिफ्ट के साथ बाज़ार में वापस आ गई है. अगस्त 2017 में एक काफी सफल लॉन्च के बाद, इस कॉम्पैक्ट सेडान ने एक धमाके के साथ वापसी की है, और समय भी अच्छा है! आख़िरकार होंडा सिटी की एक नई पीढ़ी जल्द ही लॉन्च होने वाली है. मुकाबला आसान नहीं है ख़ास तौर पे जब सब-कॉम्पैक्ट और कॉम्पैक्ट एसयूवी ने इस सेग्मेंट की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं. फिल्हाल बात करते हैं इस नई ह्यून्दे वर्ना की. आमतौर पर एक फेसलिफ्ट में केवल मामूली बदलाव ही देखे जाते हैं, लेकिन यहां कहना ग़लत नहीं होगा कि परिवर्तन बहुत व्यापक हैं. यह एक बुरी बात नहीं है क्योंकि कार का फिछला मॉडल दिखने में कुछ ख़ास नहीं था, हां आकर्षक था, सुंदर नहीं . लेकिन अब आपको एक नया लुक मिला है.
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(सामने कैस्केडिंग ग्रिल थोड़ी नुकीली हो गई है और1.0 टर्बो वेरिएंट पर यह काले रंग में आई है)
सामने से देखें तो कार काफी बदल गई है, और पहली चीज़ जिस पर आप ग़ौर करें तो कार का चेहरा अब वैश्विक डिजाइन भाषा के अनुकूल है यानि सोनाटा या नई एलेंट्रा जैसी कारों से मिलता जुलता. कैस्केड ग्रिल जिसमें थोड़ी गोलाई थी अब कुछ नुकीली हो गई है. यह टर्बो मॉडल पर सबसे सबसे अलग दिखती है क्योंकि अन्य वेरिएंट्स में इसकी डिसज़ाइन थोड़ी अलग है और वहां क्रोम का इस्तेमाल भी किया गया है.
(नए वर्ना फेसलिफ्ट पर हेडलैम्प क्लस्टर को भी नया स्वरूप मिलता है)
सीधी रेखाएं पहले से कहीं ज़्यादा हैं, यह अलग और आकर्षक है, और हमें जल्द आने वाली नई Hyundai i20 की एक झलक भी देता है जिसका चेहरा ऐसा ही होगा. वर्ना टर्बो केवल शीर्ष एसएक्स (ओ) के ट्रिम में उपलब्ध है और इसलिए इसे सभी फीचर मिलते हैं. यह वही कार है जिसका मैं आज टेस्ट कर रहा हूं, स्वाभाविक रूप से मेरी जिज्ञासा नए इंजन को जानने की है.
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(टेल लैंप का आकार पहले जैसा ही है, लेकिन एलईडी पैटर्न नया है)
हालंकि पीछे परिवर्तन में बहुत सारे नहीं हैं. टेललाइट का आकार समान है लेकिन इसे एक नया एलईडी पैटर्न मिला है. बम्पर बढ़ाया गया है और टर्बो पर, यह एक चमकदार लुक देता है. साथ ही इसके कोनों पर अलग पैटर्न भी दिया गया है. क्रोम ले लदे दो एग्ज़ॉस्ट पाइप भी सिर्फ टर्बो पर हैं. साइड से देखें तो कार पहले जैसी ही है. कुल मिलाकर, ह्यून्दे वर्ना अब नई और आधुनिक लग रही है. हाँ, ग्रिल का आकार थोड़ा अटपटा लगता है लेकिन मुझे यकीन है कि अधिकांश भारतीय इसमें दिए गए क्रोम को पसंद करेंगे.
(2020 हुंडई वर्ना फेसलिफ्ट को 1.0-लीटर टर्बो पेट्रोल इंजन के रूप में में एक नया इंजन मिला है)
जैसा कि मैंने कहा, ह्यून्दे वर्ना के पास अब एक अतिरिक्त इंजन है; सबसे बड़ा बदलाव अगर आप मुझसे पूछें. आमतौर पर फेसलिफ्ट में नए पावरट्रेन शामिल नहीं होते हैं, लेकिन ह्यून्दे अपने नए आधुनिक छोटे टर्बो जीडीआई इंजन को अधिकांश मॉडलों में लगा कर समझदारी दिखा रहा है. यह टर्बो पेट्रोल ऑरा और ग्रैंड i10 Nios में भी दिया गया है, लेकिन वहां ताकत थोड़ी कम मिलती है, और केवल मैनुअल गियरबॉक्स आता है. इसकी पॉवर वेन्यू में लगे इंजन जैसी है, और वर्ना में केवल 7-स्पीड डीसीटी गियरबॉक्स ही आया है. तो आपको यहां 118 बीएचपी और 172 एनएम का टार्क मिलता है. यह जोड़ी लगभग आने वाली i20 पर भी दी जाएगी. कुछ लोग हैरान हो सकते हैं कि क्या 1-लीटर का इंजन वर्ना के लिए काफी होगा, और मैं यह कहूंगा - यह कार को जीवित बनाता है. इससे एक बढ़िया आवाज़ निकलती है जो सुनने में मधुर लगती है. वेन्यू में हमने जो देखा है, उसकी तुलना में निश्चित रूप से इसका एक अलग चरित्र है. हालांकि वेन्यू में भी यह मज़ेदार है, लेकिन मुझे लगता है कि वर्ना में अधिक आक्रामक पिक-अब से थोड़ा मज़ा और बढ़ जाता है. नियंत्रण भी बहतर है और निश्चित रूप से इसमें पैडल शिफ्ट आपकी मदद करते हैं. नई पीढ़ी की हैंडलिंग हमेशा अच्छी थी, पुरानी कार की तुलना में स्टियरिंग में भी सुधार हुआ है. हालांकि इस टर्बो को मैंने और अधिक पसंद किया होता, अगर स्टियरिंग थोड़ी और स्पोर्टी होती और कार ज़्यादा लग कर चलती. यह एकमात्र ऐसी चीज़ है जो कार के चरित्र के खिलाफ जाती है.
(क्रोम ले लदे दो एग्ज़ॉस्ट पाइप भी सिर्फ टर्बो पर हैं.)
मैं वर्ना में लगे इस 1.0 GDi इंजन का स्वागत करता हूं. और उम्मीद करता हूं कि इसके साथ मैनुअल वेरिएंट भी दिया जाएगा. कंपनी की मानें तो यह 1 लीटर पेट्रोल में 19.2 kmpl चलता है. कार के बाकी दो इंजन भी नए हैं. 1.5 लीटर का एमपीआई पेट्रोल 113 बीएचपी और 144 एनएम बनाता है, डीज़ल भी इतना ही बड़ा है वही ताकत देता है लेकिन यहां आपको 250 एनएम पीक टॉर्क मिलेगा. दोनों में 6-स्पीड मैनुअल गियरवॉक्स दिया गया है और डीजल में 6-स्पीड ऑटो भी मिलता है, पेट्रोल में CVT भी है.
(वर्ना फेसलिफ्ट को एक स्मार्ट ट्रंक मिलता है जहां आपकी जेब में चाबी होने पर बूट खुलत जाता है. बहुत सुविधाजनक!)
एक विशेषता जिसे एलेंट्रा से लिया गया है, वह स्मार्ट ट्रंक है. तो कल्पना कीजिए कि कार के पिछले हिस्से के पास पहुंचने पर आपके हाथों में बहुत सा सामान है. चाबी आपकी जेब में है, और जैसे ही आप बूट के करीब आते हैं, एक बीप होती है और यह अपने आप खुल जाता है. यह निश्चित रूप से काफी सुविधाजनक है लेकिन यह केवल शीर्ष वेरिएंट पर आता है. अनलॉक करने के लिए चाबी के इस्तेमाल करने की कोई ज़रूरत नहीं और बम्पर के नीचे तो पैर बिल्कुल नहीं लहराना.
(वर्ना फेसलिफ्ट का केबिन काफी हद तक पहले जैसा है. काले रंग की स्कीम 1.0 टर्बो मॉडल में ही है)
अंदर बहुत सारे बदलाव नहीं हैं, केबिन लेआउट काफी हद तक पहले जैसा ही है. लेकिन टर्बो पर आपको काला रंग मिलता है. स्टीयरिंग और एसी वेंट्स पर लाल रंग का इस्तेमाल स्पोर्टी लुक को बढ़ाता है और यह डिजिटल क्लस्टर पर भी होता तो बढ़िया होता. सेंट्रल आर्मरेस्ट अब आपके आराम के लिए आगे और पीछे की ओर स्लाइड करता है. कार में वायरलेस फोन चार्जिंग भी मिलेगी, जो अन्य हालिया ह्यून्दे की कारों में देखा गया है. इसके अलावा पिछली सीट में भी यूएसबी चार्जिंग पोर्ट दिया गया है. कार के टॉप वेरिएंट में 6 एयरबैग, इलेक्ट्रॉनिक स्टेबिलिटी कंट्रोल या ESC और टायर प्रेशर मॉनिटरिंग जैसे सेफ्टी फीचर हैं. दो एयरबैग, एबीएस या एंटीलॉक ब्रेक और ISOFIX चाइल्ड सीट स्टेंडर्ड हैं. एक नया आपातकालीन स्टॉप सिग्नल जोड़ा गया है जो तेज़ ब्रेकिंग के दौरान ब्रेक लाइट को जलाता है और यह भी मानक है.
(पीछे की सीट पर उतनी ही जगह है और यह आरामदायक रहती है)
ह्यून्दे ने मार्च में अपनी वेबसाइट पर नई वेर्ना की कीमतें डाली थीं, इसलिए हम इन्हें कुछ समय से जानते हैं. नए पेट्रोल GDI का सिर्फ एक पूरी तरह से लोड किया गया टॉप एंड वर्जन है, जिसकी कीमत रु 13.99 लाख है. मैनुअल ट्रांसमिशन वाला 1.5 MPi पेट्रोल रु 9.30 लाख से शुरू होता है और रु 12.59 लाख तक जाता है. आईवीटी या सीवीटी ऑटोमैटिक वेरिएंट पर कीमतें रु 11.95 लाख और रु 13.84 लाख के बीच हैं. डीजल मैनुअल की कीमत रु 10.65 लाख और रु 13.94 लाख के बीच है, जबकि डीजल ऑटो विकल्प रु 13.20 लाख से शुरू हो कर रु 15.09 लाख तक जाता है.
(नई होंडा सिटी, मारुति सुजुकी सियाज, स्कोडा रैपिड, फॉक्सवैगन वेंटो और टोयोटा यारिस, वर्ना से मुकाबला करेंगी)
तो क्या नई वर्ना जो पहले से ज़्यादा फीचर्स के साथ आई है आपको प्रभावित करती है? हाँ. मुझे गलत मत समझिए क्योंकि कार और अच्छी हो सकती है अगर आप लालची होना चाहते हैं! लेकिन अधिकांश भाग के लिए कार कई बजटों में फिट होने के साथ-साथ काफी आधुनिक, कनेक्टिड और ज़रूरी है, साथ ही बहुत सारे फीचर स्टेंडर्ड हैं. टोयोटा यारिस इस सेगमेंट में सेंध लगाने में नाकाम रही है, हालांकि उसकी भी अपनी खूबियां हैं. यहां स्कोडा रैपिड और वोक्सवैगन वेंटो को याद करना भी ठीक रहेगा. अपडेट के बावजूद, मारुति सुजुकी सियाज़ एक बार फिर थोड़ी पुरानी दिख रही है. इसका मतलब है कि असली मुकाबला तब होगा जब नई जनरेशन होंडा सिटी लॉन्च होगी. मैं इंतजार नहीं कर सकता!