अनिवार्य होने बाद देश में पहले दिन बिके 2.5 लाख फास्टैग
हाइलाइट्स
केंद्रिय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने बताया है कि 15 फरवरी/16 फरवरी 2021 की आधी रात से फास्टैग के इस्तेमाल को अनिवार्य करने के बाद पहले दिन देश में करीब 2.5 लाख फास्टैग की बिक्री हुई है. राष्ट्रीय राजमार्ग शुल्क नियम 2008 के अनुसार, कोई भी वाहन जिसमें फास्टैग नहीं लगा हुआ होगा या, जिस वाहन में वैध या काम कारने वाला फास्टैग नहीं होगा, उसे शुल्क प्लाज़ा में प्रवेश करने पर दोगुने शुल्क के बराबर की राशि का भुगतान करना होगा. कुल मिलाकर पूरे देश में 630 ऐसे टोल प्लाज़ा हैं जहां फास्टैग अनिवार्य कर दिए गए हैं.
टोल प्लाज़ा पर प्रतीक्षा समय और ईंधन की खपत को कम करने के लिए यह कदम उठाया गया है.
सरकार के मुताबिक देश भर में फास्टैग बेचने के लिए 40,000 प्वॉंट लगाए गए हैं. रविवार जारी एक बयान में, मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि डिजिटल मोड के माध्यम से शुल्क भुगतान को बढ़ावा देने, प्रतीक्षा समय और ईंधन की खपत को कम करने और शुल्क प्लाज़ा के माध्यम से एक आसान और बिना किसी बाधा के मार्ग का सुविधा देने के लिए ऐसा किया गया है. मंत्रालय ने 1 जनवरी 2021 से मोटर वाहनों की एम और एन श्रेणियों में फास्टैग को फिट करने का आदेश दिया था. इसके बाद इस समयसीमा को 15 फरवरी 2021 तक के लिए बढ़ा दिया गया था.
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श्रेणी एम का अर्थ यात्रियों को ले जाने के लिए उपयोग किए जाने वाले कम से कम चार पहियों वाले एक मोटर वाहन है. और श्रेणी एन का तात्पर्य है 'एक मोटर वाहन जिसमें सामान ले जाने के लिए कम से कम चार पहिए हैं और जो सामान के अलावा व्यक्तियों को भी ले जा सकते हैं. पिछले साल नवंबर में सरकार ने यह भी कहा था कि फास्टैग के बिना वाहनों का थर्ड पार्टी बीमा नहीं किया जाएगा.