मारुति की एक और कार को मिली शून्य स्टार क्रैश रेटिंग, किआ सेल्टोस को मिले 3 स्टार
हाइलाइट्स
मारुति सुजुकी ने ग्लोबल एनकैप क्रैश टेस्ट में अपनी एक और कार के लिए शून्य स्टार रेटिंग हासिल की है, जबकि ह्यून्दे को 2 स्टार मिले हैं, और किआ ने 3 स्टार रेटिंग हासिल की है. जर्मनी में क्रैश लैब में भारत में निर्मित तीन मॉडलों का परीक्षण किया गया था, और नियम के रूप में, केवल बेस वेरिएंट का उपयोग किया गया था. मॉडल हैं मारुति सुजुकी एस-प्रेसो मिनी एसयूवी, ह्यून्दे ग्रैंड आई 10 निऑस और किआ सेल्टोस कॉम्पैक्ट एसयूवी. कारों का परीक्षण 64 किमी प्रति घंटे की गति पर किया जाता है.
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टुवर्ड्स ज़ीरो फाउंडेशन के अध्यक्ष डेविड वार्ड ने कहा, “भारतीय बाज़ार में शून्य रेटेड कारों के लिए कोई जगह नहीं है. यह एक बड़ी निराशा है कि मारुति सुज़ुकी जैसा महत्वपूर्ण निर्माता इसे मान्यता नहीं देता है.” मारुति सुजुकी एस-प्रेसो को केवल ड्राइवर-साइड एयरबैग मिलता है, न कि मानक के रूप में दो एयरबैग. लेकिन और भी बहुत कुछ था जो उसे निराश कर रहा था. क्रैश टेस्ट डमी को गर्दन और छाती में काफी चोट आई. अगली सीटबेल्ट में प्रिटेंशनर नहीं हैं और पीछे बीच वाले को यात्रि को 3-पॉइंट सीटबेल्ट नहीं मिलती है. हांलाकि एस-प्रेसो को बच्चों की सुरक्षा के लिए 2 स्टार मिलते हैं, इसमें ISOFIX चाइल्ड सीट एंकर नही हैं.
ह्यून्दे ग्रैंड आई 10 निऑस को 2-स्टार रेटिंग मिली है.
भारत के दूसरा सबसे बड़े कार निर्माता ह्यून्दे का ग्लोबल NCAP में अच्छा प्रदर्शन रहा है, लेकिन अब ग्रैंड आई 10 निऑस को टैस्ट में 2 स्टार रेटिंग ही मिली है. कार में दोहरे फ्रंट एयरबैग और फ्रंट सीटबेल्ट प्रिटेंशनर मानक रूप से मिलते हैं. यहां दुर्घटनाग्रस्त डमी के शरीर के निचले आधे हिस्से में गैर-घातक चोटें दिखाईं दीं लेकिन सिर और गर्दन बचे रहे. यहां भी बच्चों की सुरक्षा के लिए 2 स्टार मिले और कार की सभी सीटों पर 3-पॉइंट सीटबेल्ट नहीं है.
किआ सेल्टोस कॉम्पैक्ट एसयूवी ने 3-स्टार रेटिंग हासिल की है
परीक्षण की गई तीसरी कार किआ सेल्टोस थी. कॉम्पैक्ट एसयूवी भारत के लिए किआ के पहले मॉडल के रूप में बड़ी सफलता रही है. सेल्टोस को सुरक्षा के लिए 3 और बच्चों की सुरक्षा के लिए 2 स्टार मिले हैं. दो एयरबैग, प्रिटेंशनर और एबीएस ने इसमें मदद की. जबकि इसके बॉडी शेल को अस्थिर रेटिंग मिली है और चालक के पैर और घुटने में चोट लगी है. सिर, गर्दन और छाती की सुरक्षा बेहतर है. यहां भी सभी सीटों के लिए मानक 3-बिंदु बेल्ट नहीं हैं, और ISOFIX भी हर वेरिएंट में नही मिलती हैं.
सुरक्षित कार्स फॉर इंडिया क्रैश टेस्ट प्रोग्राम में 2014 से ग्लोबल एनकैप ने भारतीय निर्मित कारों पर 38 परीक्षण किए हैं. इन नए परिणामों के बाद कुल मिलाकर 41 मॉडल हैं, जिनका परीक्षण किया गया है. कुछ कार मॉडलों का एक से अधिक बार परीक्षण किया गया है.