चंडीगढ़ प्रशासन ने इलेक्ट्रिक वाहन नीति के मसौदे को मंजूरी दी
हाइलाइट्स
चंडीगढ़ प्रशासन ने शहर के पहले इलेक्ट्रिक वाहन नीति के मसौदे को पांच साल के लिए मंजूरी दे दी है, जो 1 अप्रैल, 2022 से लागू होगा. 2022 इलेक्ट्रिक वाहन के लिए ड्राफ्ट की गई नीति का उद्देश्य चंडीगढ़ को पांच साल की अवधि में सभी भारतीय शहरों के मुकाबले जीरो उत्सर्जन वाले वाहनों की संख्या में सबसे बड़ी "ईवी मॉडल सिटी" बनाना है. नीति को मंजूरी मिलने से पहले मसौदा 30 दिनों की अवधि के लिए सार्वजनिक डोमेन में होगा ताकि केंद्र शासित प्रदेश की आम जनता से इसे लेकर सुझाव और टिप्पणियां लिये जा सकें.
चंडीगढ़ इलेक्ट्रिक वाहन नीति में इलेक्ट्रिक साइकिल, दोपहिया, तिपहिया, इलेक्ट्रिक कार्गो वाहनों के साथ-साथ चार पहिया, यात्री और कार्मशियल सहित इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने को प्रोत्साहित करने का प्रावधान किया गया है. प्रोत्साहन केंद्र सरकार की फेम II सब्सिडी के बाद लागू होगा, जो ग्राहक इस प्रोत्साहन का लाभ उठाना चाहते हैं, उन्हें चंडीगढ़ में वाहन खरीदना और पंजीकृत करना होगा.
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खरीदार दोपहिया पर रु. 5,000 प्रति किलोवाट सेअधिकतम रु. 30,000 का प्रोत्साहन प्राप्त कर सकते हैं. वहीं इलेक्ट्रिक कारों पर रु. 10,000 प्रति किलोवाट से रु. 1.50 लाख तक का लाभ मिलेगा(जो पहले दिये गए रु.75,000 से ज्यादा है). इलेक्ट्रिक-तिपहिया, ई-रिक्शा, ई-कार आदि की खरीद पर रु.30,000 का प्रोत्साहन दिया जाएगा. मसौदा नीति में यूटी में हर साल पेट्रोल और डीजल दोपहिया और तिपहिया वाहनों की संख्या को सीमित करने का भी सुझाव दिया गया है.
नीति में सभी प्रकार के इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए पांच साल के लिए चंडीगढ़ नगर निगम द्वारा संचालित पार्किंग स्थल पर पार्किंग शुल्क पर 100 प्रतिशत छूट का भी उल्लेख है. चंडीगढ़ इलेक्ट्रिक वाहन नीति सार्वजनिक चार्जिंग बुनियादी ढांचे को बनाने में भी मदद करेगी और इसका लक्ष्य पहले दो वर्षों में कम से कम 100 सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन बनाना है.