देश में हाईवे बनाने में अब चीनी कंपनियां हिस्सा नहीं लेंगी: केंद्र सरकार
हाइलाइट्स
लद्दाख़ में भारत और चीन के बीच लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर गतिरोध का असर देश के बाकी हिस्सों में भी दिख रहा है. चीनी वस्तुओं और कंपनियों का बहिष्कार करने का सिलसिला दिन पर दिन बढ़ता जा रहा है और इसी के चलते केंद्र सरकार ने भी मंगलवार को 59 चीनी मोबाइल एप्प पर प्रतिबंध लगा दिया था. अब केंद्रीय सड़क, परिवहन, राजमार्ग और MSME मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि चीनी कंपनियों को किसी भी तरह से देश में राजमार्ग निर्माण परियोजनाओं का हिस्सा नहीं बनने दिया जाएगा और इसमें संयुक्त उद्यम भी शामिल हैं.
चीन की कंपनियों को MSME क्षेत्र में काम करने की अनुमति भी नहीं दी जाएगी.
समाचार एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए, गडकरी ने कहा, "जिनके पास सड़क निर्माण के लिए चीनी साझेदार हैं, हम ऐसे संयुक्त उद्यमों को भी अनुमति नहीं देंगे. हमने कड़ा रुख अपनाया है" उन्होंने कहा कि जल्द ही एक नई नीति की घोषणा की जाएगी, जिसमें पहले से कहीं अधिक आसान मानदंड होंगे ताकि ज़्यादा भारतीय कंपनियों को ऐसी परियोजनाओं में भाग लेने की अनुमति मिल सके. उन्होंने कहा कि यदि कोई चीनी कंपनी नई परियोजनाओं में शामिल है, तो दाबारा टेंडर और नीलामी का काम किया जाएगा.
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गडकरी ने यह भी कहा कि यह सुनिश्चित किया जाएगा कि माइक्रो, स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज (MSME) क्षेत्र में भी चीन की कंपनियों को काम करने की अनुमति नहीं दी जाएगी. जून में उत्तरी लद्दाख की गलवान घाटी में चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के साथ संघर्ष में अपनी जान गंवाने वाले 20 भारतीय सैन्यकर्मियों की पृष्ठभूमि में ये सख़्त कदम उठाए गए हैं.