1 अप्रैल 2023 से ऑटोमौटिक परीक्षण केंद्रों पर कार्मशियल वाहनों की जांच अनिवार्य होगी
हाइलाइट्स
सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सियाम) ने बुधवार को वाहन निरीक्षण और प्रमाणन पर 20वें वर्चुअल लेक्चर सत्र की मेजबानी की, जिसमें उद्योग जगत के नेताओं ने चुनौतियों और अवसरों पर चर्चा की. सत्र के दौरान, MORTH इंडिया के अतिरिक्त सचिव के सी गुप्ता ने घोषणा की कि 1 अप्रैल, 2023 से सभी एम और एचसीवी का स्वचालित परीक्षण केंद्रों के माध्यम से परीक्षण अनिवार्य रूप से किया जाएगा. हालांकि, अन्य कमर्शल वाहनों का परीक्षण जून 2024 से केंद्रों पर किया जाएगा. सरकार निजी परीक्षण केंद्र खोलने के लिए प्राधिकरण जारी करेगी, और अभी के लिए, केवल कर्मशियल वाहनों के लिए स्वचालित फिटनेस परीक्षण अनिवार्य होगा.
मोटर वाहन अधिनियम 1988 और सीएमवीआर 1989 के प्रावधानों के तहत, ट्रांसपोर्ट वाहनों को सालाना या दो बार रोड फिटनेस प्रमाण पत्र की आवश्यकता होगी. सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार और MORTH को वाहन निरीक्षण और प्रमाणन को स्वचालित परीक्षण व्यवस्था में बदलने का निर्देश दिया . विभिन्न राज्यों में MORTH पायलट प्रोजेक्ट के तहत, दिल्ली को नजफगढ़ से लगभग 13 किमी दूर झुलझुली में आई एंड सी वाहन निरीक्षण यूनिट मिली. इस परियोजना के लिए आवंटित कुल भूमि लगभग 11 एकड़ है, और यह यूनिट 3.5 एकड़ में तैयार की गई है.
सरकार निजी परीक्षण केंद्र स्थापित करने के लिए केवल सियाम और अन्य गैर-पक्षपाती थर्ड पार्टी जैसे संगठनों को प्राधिकरण प्रदान करेगी. उसके मुताबिक स्वचालित परीक्षण केंद्र भारतीय सड़कों पर चलने वाले वाहनों की गुणवत्ता में सुधार करने में मदद करेंगे और लंबे समय में नए वाहनों की बिक्री में सुधार करने में मदद करेंगे.
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कार्यक्रम का हिस्सा रहे बलराज भनोट ने कहा, "मैंने सुना है कि एमएलओ (MLO) ने कहा है कि 2023 तक स्वचालित परीक्षण को अनिवार्य करने की आवश्यकता है. मुझे लगता है कि यह एक बहुत बड़ा आदेश है और इसे ठीक तरह से निभाने की आवश्यकता होगी, अन्यथा, हम इस लक्ष्य को हासिल करने में विफल हो जाएंगे." उन्होंने आगे उल्लेख किया कि वर्तमान में पूरे भारत में किसी भी राज्य में ऐसी कोई कार्यशाला केंद्र नहीं है जो निरीक्षण और प्रमाणन (आई एंड सी) केंद्र द्वारा बताए गए मुद्दों को पूरी तरह से ठीक कर सके.