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दिल्ली सरकार ने 2022 में 50 लाख से अधिक पुराने वाहनों का पंजीकरण रद्द किया: रिपोर्ट

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Delhi De-registered Over 50 Lakh Old Vehicles In 2022: Report
दिल्ली परिवहन निकाय ने 2018 और अक्टूबर 2022 के बीच 53 लाख से अधिक वाहनों का पंजीकरण रद्द कर दिया. ये वाहन अपने जीवन के अंत तक पहुंच गए थे और मानदंडों के अनुसार दिल्ली में डीजल वाहनों की आयु सीमा 10 वर्ष है जबकि पेट्रोल वाहनों की आयु सीमा 15 वर्ष है.
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द्वारा ऋषभ परमार

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प्रकाशित अक्तूबर 21, 2022

हाइलाइट्स

    आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार दिल्ली परिवहन विभाग ने 2022 में 50 लाख से अधिक वाहनों का पंजीकरण रद्द कर दिया. यह इसे एक साल में पंजीकरण निरस्त करने की सबसे अधिक संख्या बनाता है. कुल मिलाकर, सरकारी निकाय ने 2018 और अक्टूबर 2022 के बीच 53 लाख से अधिक वाहनों का पंजीकरण रद्द कर दिया. ये वाहन अपने जीवन के अंत तक पहुंच गए थे और मानदंडों के अनुसार राष्ट्रीय राजधानी में सीमा डीजल वाहनों की आयु सीमा 10 वर्ष है जबकि पेट्रोल वाहनों की आयु 15 वर्ष है.

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    दिल्ली सरकार 2018 में सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लागू करने के बारे में आक्रामक रही है. इस फैसले ने वाहनों के प्रदूषण को रोकने के लिए पुराने वाहनों का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य कर दिया है. इस कदम का उद्देश्य दिल्ली की सड़कों पर चलने वाले पुराने वाहनों के स्क्रैप को बढ़ावा देना और ग्राहकों के लिए नए उत्सर्जन नियमों को पूरा करने वाली नई कारें खरीदना है.

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    आधिकारिक आंकड़े बताते हैं कि अब तक रद्द किये गए रजिस्टर्ड वाहन जिनकी संख्या 53,38,045 लाख है, में से लगभग 46 लाख वाहन पेट्रोल थे और केवल 4.15 लाख डीजल थे. करीब 1.46 लाख वाहन सीएनजी थे. रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि 31 जनवरी, 2022 तक दिल्ली में वर्तमान में लगभग 13.4 मिलियन वाहन चल रहे हैं. हालांकि, वर्तमान में केवल 7.8 मिलियन वाहनों को 'सक्रिय' के रूप में वर्गीकृत किया गया है, जो उन्हें तकनीकी रूप से शहर में चलने के लिए उपयुक्त बनाता है.

    Vehicle

    यदि आपके वाहन ने 10 साल (डीजल) या 15 साल (पेट्रोल) की आयु सीमा पूरी कर ली है, तो मानदंडों के अनुसार स्वतः ही इनका पंजीकरण निरस्त हो जाएगा. हालाँकि, यदि आप अपने वाहन को दी गई आयु से अधिक चलाना चाहते हैं, तो आपको वाहन को खराब होने से बचाने के लिए एक फिटनेस प्रमाणपत्र प्राप्त करना होगा. मई 2022 में दिल्ली परिवहन विभाग ने एक सार्वजनिक नोटिस जारी किया थी, जिसमें वाहन मालिकों और ड्राइवरों को सूचित किया गया था कि वह अगर वैध फिटनेस प्रमाण पत्र के बिना वाहनों को चलाते हैं तो उन पर रु.10,000  तक का जुर्माना लगाया जा सकता है या उन्हें जेल भेजा जा सकता है.

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    बयान में कहा गया है, "परिवहन विभाग द्वारा देखा गया है कि सरकारी विभागों, स्थानीय निकायों और सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों से संबंधित परिवहन वाहनों सहित कई मालिक या चालक वैध फिटनेस प्रमाण पत्र के बिना परिवहन वाहन चला रहे हैं जो कि मोटर वाहन अधिनियम, 1988 और उनके तहत बनाए गए नियमों का घोर उल्लंघन है. एमवी अधिनियम की धारा 56 के अनुसार, एक परिवहन वाहन को तब तक वैध रूप से पंजीकृत नहीं माना जाता है जब तक कि उसके पास दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग द्वारा जारी फिटनेस का वैध प्रमाण पत्र न हो.

    वैध फिटनेस प्रमाण पत्र के बिना वाहनों के मालिकों और चालकों को पहले अपराध के लिए रु.2,000-5,000 तक का जुर्माना देना होगा और यदि उसके बाद भी कोई यह अपराध करता है तो रु.5,000-10,000 तक का जुर्माना भरना होगा.

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