दिल्ली सरकार ने एग्रीगेटर नीति को सार्वजनिक किया
हाइलाइट्स
दिल्ली सरकार ने प्रदूषण से जंग में महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए एग्रीगेटर नीति को सार्वजनिक कर दिया है. इस नीति का मसौदा बढ़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए तैयार किया गया है. इसके तहत एग्रीगेटर्स और डिलिवरी सेवा प्रदान करने वाली कंपनियों को अगले 3 महीने में सभी नए दोपहिया वाहनों में 10 फीसदी और सभी नए चार पहिया वाहनों में 5 फीसदी इलेक्ट्रिक वाहनों की हिस्सेदारी सुनिश्चित करनी होगी.
14 जनवरी 2022 की अधिसूचित मसौदा नीति को 25 जनवरी 2022 से 60 दिनों के लिए आम जनता के सुझावों और आपत्तियां को आमंत्रित करते हुए सार्वजनिक डोमेन में रखा गया है. गजट नोटिफिकेशन, जिसके बाद इसे कार्यान्वयन के लिए अधिसूचित किया जाएगा. इसके बाद मिलने वाली प्रतिक्रियाओं को नीति में शामिल किया जाएगा और नीति को घोषित किया जाएगा.
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नीति के अनुसार, मार्च 2023 तक सभी एग्रीगेटर्स और डिलिवरी सेवा देने वाली कंपनियों को नए दोपहिया वाहनों में 50 फीसदी और नए चार पहिया वाहनों में 25 फीसदी इलेक्ट्रिक वाहनों की हिस्सेदारी सुनिश्चित करनी होगी. यह नीति राइड एग्रीगेटर्स जैसे ओला, ऊबर और डिलिवरी सेवा देने वाली कंपनी जैसे स्विगी, जोमैटो के द्वारा खरीदे जाने वाले नए वाहनों में इलेक्ट्रिक वाहनों की हिस्सेदारी को अनिवार्य करेगी.
दिल्ली इलेक्ट्रिक वाहन नीति 2020 द्वारा निर्धारित नियमों के अनुसार तैयार की गई एग्रीगेटर नीति समयबद्ध तरीके से राइड-हेलिंग उद्योग में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए इन्सेंटिव देती है.
इस नीति पर एक बयान में, पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा, 'दिल्ली सरकार प्रदूषण के खिलाफ लड़ाई में ऐसी दूरदर्शी नीतियों को लागू करने में अपने नागरिकों को शामिल करना जारी रखेगी. अब जब नीति को टिप्पणियों के लिए सार्वजनिक डोमेन में डाल दिया गया है, तो मैं सभी से अपनी प्रतिक्रिया और टिप्पणियां भेजने में सक्रिय रूप से शामिल होने का अनुरोध करूंगा.''
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गोपाल राय ने कहा कि “केवल दिल्ली में नहीं बल्कि पूरे NCR में वाहनों के उत्सर्जन को कम करने के लिए एक नीति होनी चाहिए, तभी यह प्रभावी होगा. दिल्ली सरकार वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग से मांग करेगी कि NCR क्षेत्र में अन्य राज्यों को भी एक नीति अपनाने के लिए निर्देशित किया जाए.”