दिल्ली सरकार का दावा पूरे देश के मुकाबले राजधानी में 6 गुना अधिक बिके इलेक्ट्रिक वाहन
हाइलाइट्स
दिल्ली सरकार ने कहा है कि सितंबर-नवंबर के दौरान देश की राजधानी में कुल वाहनों की बिक्री में इलेक्ट्रिक वाहनों की हिस्सेदारी 9 प्रतिशत रही, जो राष्ट्रीय औसत से छह गुना अधिक है. दिल्ली भारत की ईवी राजधानी के रूप में उभर रही है, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर लिखा, "मुझे खुशी है कि दिल्ली ईवी की 9% हिस्सेदारी के साथ भारत की ईवी राजधानी के रूप में भी उभर रही है. दिल्ली प्रदूषण में अपने योगदान को कम करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है." परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि दिल्ली की प्रगतिशील इलेक्ट्रिक वाहन नीति एक बड़ी सफलता साबित हुई है और इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री तेजी से बढ़ रही है.
बयान में कहा गया है कि शहर में बिकने वाले वाहनों में इलेक्ट्रिक वाहनों की हिस्सेदारी 9 फीसदी है, जबकि राष्ट्रीय औसत 1.6 फीसदी है. पिछली तिमाही में दिल्ली में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री ने सीएनजी और डीज़ल वाहनों को पीछे छोड़ दिया. ईवी की बिक्री बढ़ने से सीएनजी वाहनों की बिक्री घटकर 7 प्रतिशत रह गई है. सितंबर-नवंबर तिमाही के दौरान दिल्ली में कुल 9,540 इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री हुई. इसमें से सितंबर में 2,873 ईवी की बिक्री हुई, जबकि अक्टूबर में यह आंकड़ा बढ़कर 3,275 और नवंबर में 3,392 तक पहुंच गया.
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बिक्री के मामले में पेट्रोल वाहनों के बाद ईवी बिक्री के लिहाज़ से दिल्ली में दूसरे स्थान पर पहुंच गई है. न सिर्फ इतना बल्कि इलेक्ट्रिक वाहनों ने डीजल और सीएनजी जैसे लोकप्रिय विकल्पों को एक महत्वपूर्ण अंतर से पीछे छोड़ दिया है. इस तिमाही में शहर में कुल 7,820 सीएनजी वाहन और 2,688 डीज़ल वाहन बेचे गए. बयान में आगे कहा गया है कि हाइब्रिड श्रेणी में, 3,918 पेट्रोल + सीएनजी वाहन बेचे गए, जबकि 1,429 पेट्रोल + अन्य हाइब्रिड वेरिएंट बेचे गए.
दिल्ली सरकार की ईवी नीति के तहत सरकार ने 2024 तक शहर में 25 प्रतिशत ईवी की बिक्री का लक्ष्य निर्धारित किया है. दिल्ली सभी इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए रोड टैक्स और पंजीकरण शुल्क में छूट देने वाला देश का पहला शहर है. दिल्ली सरकार और बिजली वितरण कंपनियों ने पिछले दो वर्षों में शहर भर में 380 से अधिक चार्जिंग पॉइंट के साथ 201 चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने की सुविधा दी है - जो राष्ट्रीय स्तर पर किसी भी शहर के लिए सबसे अधिक है. 2022 के मध्य तक और 600 सार्वजनिक चार्जिंग पॉइंट जोड़े जाने हैं.
दिल्ली सरकार द्वारा बेचे गए पहले 1,000 चार पहिया इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए रु 10,000 प्रति किलोवाट की बैटरी क्षमता, अधिकतम रु 1.5 लाख तक की सब्सिडी दी गई थी. दोपहिया सहित अन्य इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए, सब्सिडी राशि रु 5,000 प्रति किलोवाट घंटा है, जिसमें अधिकतम रु 30,000 प्रति वाहन की सब्सिडी दी जा रही है.
Last Updated on December 15, 2021