गोवा इलेक्ट्रिक वाहन नीति के तहत इलेक्ट्रिक टू व्हीलर्स हो सकते हैं 30 प्रतिशत सस्ते
हाइलाइट्स
गोवा इलेक्ट्रिक वाहन प्रमोशन पॉलिसी ने राज्य में इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की बिक्री को बढ़ावा देने के लिए भारी सब्सिडी का प्रस्ताव दिया है. प्रस्तावित नीति का उद्देश्य पारंपरिक पेट्रोल दोपहिया वाहनों की तुलना में इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की लागत को लगभग 30 प्रतिशत कम करना है. राज्य में हर साल खरीदे जाने वाले कुल वाहनों में से 50 प्रतिशत से अधिक दोपहिया वाहन होते हैं. नई नीति को अगले दो महीनों के भीतर अंतिम रूप दिए जाने की संभावना है. राज्य की पिछली नीति में किसी भी सब्सिडी का प्रस्ताव नहीं था.
राज्य में हर साल खरीदे जाने वाले कुल वाहनों में से 50 प्रतिशत से अधिक दोपहिया वाहन होते हैं.
मूल रूप से, नीति का उद्देश्य इलेक्ट्रिक मोबिलिटी क्षेत्र में स्टार्ट-अप को बढ़ावा देना है. साथ ही मोबिलिटी एज़ ए सर्विस (Maa), ऑटोनॉमस व्हीकल, डेटा एनालिटिक्स और इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी का इस्तामाल करने वाले इलेक्ट्रिक वाहनों को भी बढ़ावा देना है. वाहन और बैटरी की मरम्मत और रखरखाव स्टेशन पर काम किया जाएगा. इसके अलावा, सरकार ने पहले ही हाईवे पर हर 25 किमी और शहर की सीमा के भीतर हर 3 किमी पर चार्जिंग स्टेशनों लगाने का प्रस्ताव दिया है. बैटरी स्वैपिंग और फास्ट चार्जर्स भी इस नई नीति में शामिल हैं.
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नीति में यह भी कहा गया है कि सभी ईवी चार्जिंग स्टेशन, निजी और सार्वजनिक दोनों को, केंद्र द्वारा अनुमोदित प्रोटोकॉल का पालन करना होगा, जैसा कि 1 अक्टूबर, 2019 को तय किया गया है. इन्हें भारत ईवी द्वारा निर्धारित मानकों को भी पूरा करना होगा. यदि राज्य नीति को मंजूरी देता है, तो यह अधिसूचना के बाद चार वर्षों के लिए लागू होगी, जिसके बाद इसे बदला या विस्तारित किया जा सकता है. सभी वाहनों पर नीति लागू होगी, जिसमें दोपहिया, तिपहिया वाहन, यात्री कार और भारी वाहन शामिल हैं जो गोवा राज्य में रजिस्टर हो चुके हैं.