सरकार ने सड़क दुर्घटना पीड़ितों के कैशलेस इलाज के लिए पायलट कार्यक्रम शुरू किया
हाइलाइट्स
- पायलट प्रोग्राम सबसे पहले चंडीगढ़ में लागू किया जाएगा
- अस्पतालों को मोटर वाहन दुर्घटना फंड से भुगतान किया जाएगा
- 2022 में कुल 4.61 लाख सड़क दुर्घटनाएँ हुईं, जिनमें 1.68 लाख मौतें हुईं
सरकार की नई पहल के तहत सड़क दुर्घटना पीड़ितों को अब सबसे पहले अस्पतालों में चिकित्सा सहायता मिलेगी. केंद्र सरकार ने सड़क दुर्घटना पीड़ितों को अधिकतम रु 1.5 लाख प्रति दुर्घटना तक कैशलेस इलाज देने के लिए एक पायलट कार्यक्रम की घोषणा की है. कार्यक्रम सबसे पहले चंडीगढ़ में शुरू किया जा रहा है और इसे सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की देखरेख में किया जा रहा है.
पायलट प्रोजेक्ट किसी भी श्रेणी के मोटर वाहनों के उपयोग से होने वाली सभी सड़क दुर्घटनाओं पर लागू होगा.
केंद्र के एक बयान में कहा गया है, “पायलट कार्यक्रम के तहत पीड़ित दुर्घटना की तारीख से अधिकतम 7 दिनों की अवधि के लिए प्रति व्यक्ति अधिकतम 1.5 लाख रु. तक कैशलेस उपचार पाने के हकदार हैं.
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कार्यक्रम का उद्देश्य गोल्डन ऑवर सहित सड़क दुर्घटनाओं के पीड़ितों को समय पर चिकित्सा देखभाल देना है. उपचार देने के लिए अस्पतालों का भुगतान मोटर वाहन दुर्घटना फंड से किया जाएगा. पायलट प्रोजेक्ट किसी भी श्रेणी के मोटर वाहनों के उपयोग से होने वाली सभी सड़क दुर्घटनाओं पर लागू होगा.