carandbike logo

सरकार नई क्लीन तकनीक स्कीम के अंतर्गत वाहन निर्माताओं को देगी Rs. 26,000 करोड़ः रिपोर्ट

clock-icon

3 मिनट पढ़े

हमें फॉलो करें

google-news-icon
Government To Give Nearly 26000 Crore Rupees In Revised Clean Tech Scheme For Automakers Report
तत्काल यह साफ नहीं हो पाया कि इस आबंटन में बदलाव क्यों हुआ, लेकिन एक सूत्र ने बताया कि क्लीन की जगह अब आधुनिक तकनीक को लक्ष्य बनाया गया है.
author

द्वारा कारएंडबाइक टीम

Calendar-icon

प्रकाशित सितंबर 8, 2021

हाइलाइट्स

    भारत अगले 5 साल तक क्लीन टेक्नोलॉजी व्हीकल्स के उत्पादन और निर्यात को बढ़ावा देने के लिए बदली हुई स्कीम के अंतर्गत 3.5 बिलियन डॉलर यानी रु 25,756 करोड़ का इंसेंटिव वाहन निर्माता कंपनियों को देगा. इस प्रस्ताव की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने रॉयटर्स को यह जानकारी दी है. सरकार का असली प्लान वाहन निर्माताओं को 8 बिलियन डॉलर यानी रु 58,861 करोड़ देने का था जिसमें मुख्य रूप से पेट्रोल तकनीक को बढ़ावा लक्ष्य था, इसके अलावा इलेक्ट्रिक वाहनों को अलग से लाभ दिया जाना था. अब इस नीति को दोबारा तैयार किया गया है जिसमें इलेक्ट्रिक और हाइड्रोजन फ्यूल से चलने वाले को बढ़ावा दिए जाने की बात सामने आई है.

    nokaid9gभारतीय निर्माता टाटा मोटर्स देश में सबसे ज़्यादा इलेक्ट्रिक वाहन बेचती है

    तत्काल यह साफ नहीं हो पाया कि इस आबंटन में बदलाव क्यों हुआ, लेकिन एक सूत्र ने बताया कि क्लीन की जगह अब आधुनिक तकनीक को लक्ष्य बनाया गया है जहां कुछ कंपनियों को इसका लाभ मिल सकेगा. भारत की इस नीति के केंद्र में क्लीन ऐनर्जी को रखा गया है ताकि कच्चे तेल की निर्भरता खत्म की जा सके और बड़े शहरों को भारी प्रदूषण से भी बचाया जा सके, इसके अलावा पेरिस क्लाइमेट अकॉर्ड के अंतर्गत पर्यावरण को साफ रखने के वादे पर भी यह नीति कारगर है. भारतीय निर्माता टाटा मोटर्स देश में सबसे ज़्यादा इलेक्ट्रिक वाहन बेचती है जिसका मुकाबल महिंद्रा एंड महिंद्रा और मोटरसाइकिल निर्माता टीवीएस और हीरो मोटोकॉर्प भी इलेक्ट्रिक वाहन लाने की नीति पर काम कर रहे हैं.

    hbvr996gअगर स्कीम कामयाब होती है तो पहले तय की गई राशि आबंटित की जाएगी - सूत्र

    भारत की सबसे बड़ी कार निर्माता मारुति सुज़ुकी के चेयरमैन ने पिछले हफ्ते कहा था कि, हाल-फिलहाल इलेक्ट्रिक वाहन लाने का कोई प्लान नहीं है क्योंकि कंपनी को यहां ज़्यादा बिक्री नहीं दिख रही और यह ग्राहकों के लिए फिलहाल किफायती भी नहीं है. इस बात की जानकारी रखने वाने एक सूत्र ने यह भी बताया कि अगर स्कीम कामयाब होती है तो पहले तय की गई राशि आबंटित की जाएगी. यह जानकारी भी मिली है कि वैश्विक निर्माताओं को आकर्षित करते के लिए भारत सरकार 27 मिलियन डॉलर यानी 1,98,647 करोड़ रुपए की घोषणा कर सकती है जिसका आधिकारिक ऐलान अगले हफ्ते तक किया जा सकता है.

    ये भी पढ़ें : टेस्ला को भारत में चार मॉडलों के परीक्षण के लिए मिली मंजूरी

    सूत्रों के अनुसार, इस बदली हुई स्कीम के अंतर्गत जो भी कंपनियां योग्य होंगी, उन्हें इलेक्ट्रिक और हाईड्रोजन ईंधन से चलने वाले वाहनों की कुल बिक्री का करीब 10-20 प्रतिशत कैशबैक दिया जाएगा. इस लाभ का फायदा उठाने के लिए योग्य बनना है तो वाहन निर्माताओं को 5 साल में रु 2,000 करोड़ का निवेश करना होगा. पुर्ज़े बनाने वाली कंपनियों को क्लीक कारों के पुर्ज़े बनाने और सुरक्षा संबंधित पुर्ज़े और अन्य आधुनिक तकनीक जैसे सेंसर्स और कनेक्टेड वाहनों में इस्तेमाल होने वाले रडार में निवेश करने पर इंसेंटिव मिलेगा.

    (इस खबर को NDTV स्टाफ द्वारा एडिट नहीं किया गया है, यह सिंडिकेट फीड से आई खबर है.)

    Stay updated with automotive news and reviews right at your fingertips through carandbike.com's WhatsApp Channel.

    अपकमिंग मॉडल