कार पर लगाया ये क्रैश गार्ड तो लगेगा Rs. 5000 तक जुर्माना, जानें क्या हैं सरकार के निर्देश
केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों को लिखित निर्देश दिए हैं कि जिन भी कारों पर क्रैश गार्ड/बुल बार लगे हों, उनकर कड़ी कार्रवाई की जाए. मिनिस्ट्री ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट और हाईवे ने राज्य पिरवहन के प्रिंसिपल सेक्रेटरी और सेक्रेटरी और कमिश्नर को निर्देश दिए हैं. टैप कर जानें क्या है इसे हटाने का कारण?
हाइलाइट्स
- पहली बार ऐसे गार्ड लगे वाहनां पर 1,000 रुपए का जुर्माना किया जाएगा
- दूसरी बार गलती दोहराने पर जुर्माने की रकम 2,000 रुपए कर दी जाएगी
- जो दुकानदार ऐसे क्रैश गार्ड बेचता मिला उसपर 5,000 रुपए जुर्माना होगा
केंद्र सरकार ने सभी राज्य सरकारों को कहा है कि जिन भी चालकों ने अपनी कार पर गैरकानूनी क्रैश गार्ड या बुल बार लगा लगाया है उनपर सख्त कर्रवाई की जाए. सरकार का कहना है कि इससे पैदल यात्रियों को खतरा है. स्वाभाविक है कि कार को बचाने के लिए पैदल यात्रियों की जान को खतरे में नहीं डाला जा सकता. ऐसे में वाहनों के बंपर के आगे लगने वाले गार्ड्स को गैरकानूनी माना गया है जो मोटर व्हीकल ऐक्ट 1988 के अंतर्गत आता है. एक बार क्रैश गार्ड लगाने की गलती पर 1,000 रुपए का जुर्माना लगता है और गलती दोहराने पर 2,000 रुपए जुर्माने का प्रावधान है. इसके साथ ही ये गार्ड बेचने वाले को 5,000 रुपए जुर्माने के तौर पर चुकाने होंगे.
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बता दें कि वाहनों पर इस तरह के क्रैश गार्ड/बुल बार लगाना सैक्शन 52 मोटर व्हीकल ऐक्ट के तहत आता है. मोटर व्हीकल ऐक्ट 1988 के मुताबिक जुर्माना धारा 190 और 191 के लिए देना होगा. इस संज्ञान में मिनिस्ट्री ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट और हाईवे ने राज्य पिरवहन के प्रिंसिपल सेक्रेटरी और सेक्रेटरी और कमिश्नर पदों को लिखित निर्देश भेज दिए हैं. मंत्रालय का कहना है कि क्रैश गार्ड/बुल बार पैदल यात्रियों की सुरक्षा के लिए खतरनाक हैं और सभी राज्य सरकारों को वाहनों पर लगे ऐसे क्रैश गार्ड के लिए कड़े कदम उठाने चाहिए.
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सैक्शन 191 में उल्लेख है कि इस तरह के क्रैश गार्ड बेचना और पब्लिक प्लेस पर इस्तेमाल करना गैरकानूनी है और इसमें अधिकतम 5,000 रुपए के जुर्माने का प्रावधान है. वाहनों पर लगे ये गार्ड साधारण कार से पैदल यात्रियों के लिए ज्यादा नुकसानदायक है. कार कंपनियां कारों को ज्यादा नुकसान ना पहुंचे इसीलिए उसमें बंपर लगाकर देती है और पैदल यात्रियों को टक्कर के दौरान कम चोट लगने की संभावना होती है. बुलबार से छोटी दुर्घटना होने पर भी लोगों को बड़ा नुकसान हो जाता है. इसे लगाने का घाटा ये है कि इससे कार के सेंसर भी कई बार काम कर नहीं पाते जिससे टकराव की स्थिति में एयरबैग्स काम करना बंद कर देते हैं.
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बता दें कि वाहनों पर इस तरह के क्रैश गार्ड/बुल बार लगाना सैक्शन 52 मोटर व्हीकल ऐक्ट के तहत आता है. मोटर व्हीकल ऐक्ट 1988 के मुताबिक जुर्माना धारा 190 और 191 के लिए देना होगा. इस संज्ञान में मिनिस्ट्री ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट और हाईवे ने राज्य पिरवहन के प्रिंसिपल सेक्रेटरी और सेक्रेटरी और कमिश्नर पदों को लिखित निर्देश भेज दिए हैं. मंत्रालय का कहना है कि क्रैश गार्ड/बुल बार पैदल यात्रियों की सुरक्षा के लिए खतरनाक हैं और सभी राज्य सरकारों को वाहनों पर लगे ऐसे क्रैश गार्ड के लिए कड़े कदम उठाने चाहिए.
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सैक्शन 191 में उल्लेख है कि इस तरह के क्रैश गार्ड बेचना और पब्लिक प्लेस पर इस्तेमाल करना गैरकानूनी है और इसमें अधिकतम 5,000 रुपए के जुर्माने का प्रावधान है. वाहनों पर लगे ये गार्ड साधारण कार से पैदल यात्रियों के लिए ज्यादा नुकसानदायक है. कार कंपनियां कारों को ज्यादा नुकसान ना पहुंचे इसीलिए उसमें बंपर लगाकर देती है और पैदल यात्रियों को टक्कर के दौरान कम चोट लगने की संभावना होती है. बुलबार से छोटी दुर्घटना होने पर भी लोगों को बड़ा नुकसान हो जाता है. इसे लगाने का घाटा ये है कि इससे कार के सेंसर भी कई बार काम कर नहीं पाते जिससे टकराव की स्थिति में एयरबैग्स काम करना बंद कर देते हैं.
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