भारत वाहनों में इथेनॉल आधारित फ्लेक्स इंजन की अनुमति देगा: नितिन गडकरी
हाइलाइट्स
भारत ने इथेनॉल आधारित 'फ्लेक्स इंजन' को अनुमति देने का फैसला किया है, जो स्थानीय कृषि उत्पादों का उपयोग करते हैं और फॉसिल फ्यूल का इस्तेमाल नहीं करते. केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि इसपर अगले तीन महीनों में एक योजना शुरू की जाएगी. गडकरी ने कहा कि ब्राजील, अमेरिका और कनाडा जैसे दुनिया के अन्य देशों में फ्लेक्स इंजन हैं जो कृषि उत्पादों से चलते हैं. उनके मुताबिक इसने बीएमडब्ल्यू, मर्सिडीज और टोयोटा जैसे वाहन निर्माताओं को वैकल्पिक ईंधन पर चलने वाले वाहन बनाने पर लिए प्रोत्साहित किया है.
एक लीटर इथेनॉल रु 60-62 प्रति लीटर के बीच आता है, जो पेट्रोल से काफी कम है
उन्होंने कहा कि स्थानीय रूप से बना इथेनॉल भारत जैसे देश के लिए मददगार होगा, जो परिवहन क्षेत्र के लिए कच्चे तेल के आयात पर निर्भर है. उन्होंने कहा कि यह कम प्रदूषण और लागत-बचत भी करेगा. एक लीटर इथेनॉल रु 60-62 प्रति लीटर के बीच आता है, जबकि पेट्रोल के लिए रु 100 से अधिक का भुगतान किया जाता है. हालांकि मंत्री ने स्वीकार किया कि इथेनॉल का कैलोरिफिक मान कम है.
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गडकरी ने कहा कि सरकार ने पहले ही 100 प्रतिशत इथेनॉल पेट्रोल पंप शुरु करने की अनुमति देना शुरू कर दिया है और कहा कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी पहले ही पुणे, महाराष्ट्र में ऐसी दो सुविधाओं का उद्घाटन कर चुके हैं. उन्होंने कहा, "हम गन्ने के रस के शीरे से इथेनॉल बना सकते हैं और अब सरकार चावल, मक्का और खाद्यान्न से इथेनॉल बनाने की अनुमति दे रही है," उन्होंने तमिलनाडु, महाराष्ट्र, कर्नाटक और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों को इस मामले में नेतृत्व लेने के लिए कहा.