भारत बनेगा दुनिया का सबसे बड़ा इलेक्ट्रिक वाहन बनाने वाला देश - नितिन गडकरी
हाइलाइट्स
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री, नितिन गडकरी ने हाल में कहा है कि इलेक्ट्रिक वाहन बनाने में भारत दुनिया का नंबर वन देश बनने वाला है. वर्चुअल तौर पर आयोजित अमेज़ॉन की संभव सम्मिट को संबोधित करते हुए गडकरी ने कहा कि, हमें विश्वास है कि अगले 6 महीनों के भीतर लीथियम-आयन बैटरी का उत्पादन पूरी तरह भारत में किया जाने लगेगा, इससे भारत सरकार को इलेक्ट्रिक वाहनों के ऐजेंडा को बड़ी सहायता मिलेगी. इस सम्मिट में आगे नितिन गडकरी ने कहा कि, “भारत इलेक्ट्रिक वाहनों के उत्पादन की राह पर आगे बढ़ रहा है. कुछ ही समय बाद भारत इलेक्ट्रिक वाहनों का उत्पादन करने वाला दुनिया का सबसे बड़ा देश बन जाएगा. सभी बड़े ब्रांड्स भारत में मौजूद हैं.”
केंद्रीय मंत्री ने इस बाद पर प्रकाश डाला कि भारत सरकार हाईड्रोजन फ्यूल सेल तकनीक पर काम कर रही है, जिसमें ताकत पैदा करते के लिए हाईड्रोजन और ऑक्सीजन के बीच केमिकल रिएक्शन होता है और इससे सामान्य इंधन की ज़रूरत खत्म हो जाती है. गडकरी ने यह भी कहा कि सरकार भारत में वाहन निर्माताओं को फ्लैक्स-फ्यून इंजन वाले वाहन पेश करने के लिए भी प्रोत्साहित कर रही है जिसके लिए वो जल्द निर्माता कंपनियों के साथ अंतिम दौर की बातचीत करने वाले हैं. इसी महीने की शुरुआत में पेट्रोलियम और नेचुरल गैस मंत्रलय ने राज्य संचालित तेल कंपनियों से साझेदारी की है जिसके अंतर्गत इज़रायल का एक स्टार्ट-अप भारत में एल्युमीनियम-एयर सिस्टम बनाएगा.
नितिन गडकरी का मानना है कि अगले 2 साल के भीतर इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमत घटेगी और यह पेट्रोल और डीज़न वाहनों के मुकाबले में आ जाएगी. गडकरी की चाह है कि भारत में बनाए जाने वाले इलेक्ट्रिक वाहन अंतर्राष्ट्रीय स्तर के हों और इसी सहारे वो भारत को दुनिया का सबसे बड़ ईवी उत्पादक बनाने का इरादा लेकर चल रहे हैं. इसी लिए भारत सरकार इथेनॉल, मीथेनॉल, बायो-सीएनजी, इलेक्ट्रिक और हाईड्रोजन फ्यूल सेल वाले वाहनों के इस्तेमाल हो प्रोत्साहन दे रही है.
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अपने वक्तव्य में नितिन गडकरी ने कहा कि, इलेक्ट्रिक यातायात भारत में प्रदूशण मुक्त परिवहन की राह में बहुत महत्वपूर्ण कदम है. यहां तक कि उन्होंने इस बात की ओर इशारा किया कि, भारत में सालाना रु 8 लाख करोड़ की लागत का इंधन आयात किया जाता है और अगले 4ऋ5 साल में यह आंकड़ा दुगना हो जाएगा. इसका हमारे देश की आर्थिक व्यवस्था पर बहुत बड़ा और बुरा असर हो रहा है. ऐसे में बहुत ज़रूरी है कि हम ऐनर्जी के प्रभावशाली और वैकल्पि पक्ष की ओर ध्यान दें.