भारत की वाहन स्क्रैपिंग नीति को जल्द ही अंतिम रूप दिया जाएगा
हाइलाइट्स
केंद्रीय सरकार ने कहा है भारत की अपनी वाहन कबाड़ नीति को जल्द ही अंतिम रूप दिया जाएगा. पीटीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस नीति को वित्त मंत्रालय से अंतिम मंजूरी का इंतजार है. नीति में देश में पुराने प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को खत्म करने पर ध्यान दिया जाएगा. मंजूरी मिलते ही नीति दोपहिया और तिपहिया वाहनों सहित सभी वाहनों पर लागू होगी. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि यह नीति ऑटोमोबाइल क्षेत्र को बढ़ावा देने में मदद करेगी और उत्पादन लागत को कम करने में भी मदद करेगी.
एक प्रस्ताव के अनुसार स्क्रैपिंग का प्रमाण पत्र दिखा कर नई गाड़ी का रेजिस्ट्रेशन शुल्क नहीं देना होगा.
गडकरी ने ऑटोमोबाइल क्षेत्र पर कोरोनावायरस के प्रभाव पर SIAM (सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स) के सदस्यों के साथ एक वीडियो कॉन्फ्रेंस में कहा, "स्क्रैपिंग नीति को जल्द ही अंतिम रूप दिया जाएगा. यह उद्योग को बढ़ावा देने वाला है और उत्पादन लागत को कम करने वाला है. मैंने सचिव के साथ चर्चा की है और हम इसे जल्द से जल्द पूरा करेंगे.' गडकरी ने यह भी दावा किया कि एक बार नीति को मंजूरी मिलने के बाद ऑटोमोबाइल की कीमतों में 20 से 30 % तक की कमी आएगी.
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नए वाहनों की मांग बढ़ाने के लिए, सरकार ने जुलाई 2019 में मोटर वाहन मानदंडों में संशोधन का प्रस्ताव दिया था, जिससे 15 साल से अधिक पुराने वाहनों को हटाने की अनुमति दी जा सके. सरकार ने एक साल के बजाय हर छह महीने में ऐसे वाहनों के लिए नया फिटनेस सर्टिफिकेट बनवाने का प्रस्ताव दिया था. साथ ही यह भी प्रस्ताव किया था कि यदि कोई अपनी पिछली गाड़ी की स्क्रैपिंग का प्रमाण पत्र देता है तो उसे नए खरीदे गए मोटर वाहन के रेजिस्ट्रेशन शुल्क के भुगतान की छूट दी जा सकती है.