भारत में बनी आखिरी फोर्ड ईकोस्पोर्ट को कंपनी ने तामिलनाडु प्लांट से उतारा
हाइलाइट्स
यह एक युग का अंत है क्योंकि फोर्ड इंडिया ने इस सप्ताह की शुरुआत में अपने तमिलनाडु प्लांट से स्थानीय रूप से निर्मित आखिरी ईकोस्पोर्ट सबकॉम्पैक्ट एसयूवी को उतारा था. फोर्ड की मराईमलाई नगर सुविधा ने न केवल भारत के लिए बल्कि दुनिया के लिए भी ईकोस्पोर्ट का निर्माण किया, और अंतिम इकाइयों को देश से निर्यात किया जाएगा. यह पिछले साल सितंबर में अमेरिकी दिग्गज के बाजार से बाहर निकलने के साथ भारत में फोर्ड के संचालन के अंत का प्रतीक है, जबकि देश में इसकी बिक्री 2021 में बंद हो गई थी, निर्यात के अंतिम आदेश अभी पूरे हुए हैं.
फोर्ड भारत में दो प्लांट में वाहनों का निर्माण कर रही थी. मराईमलाई नगर सुविधा और गुजरात के साणंद में स्थित सुविधा. बाद वाले ने घरेलू और निर्यात बाजारों के लिए एस्पायर और फिगो कारों का उत्पादन किया. फोर्ड के परिचालन बंद करने के बाद अब टाटा मोटर्स द्वारा इसका अधिग्रहण किया जाएगा क्योंकि भारतीय वाहन निर्माता अपनी इलेक्ट्रिक आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए इसका उपयोग करेगी. इस बीच, तमिलनाडु फोर्ड का सबसे पुराना प्लांट था और इसनें 2013 में इकोस्पोर्ट के अस्तित्व में आने से पहले कारों की मेजबानी की थी. यह मॉडल सबकॉम्पैक्ट एसयूवी सेगमेंट में एक बड़े हिट जम्पस्टार्ट निकला और सबसे लंबे समय तक ब्रांड का सबसे ज्यादा बिकने वाला मॉडल बना रहा था. भारत में बिक्री के साथ इसका निर्यात भी जोर-शोर से होता था और इसने अमेरिका सहित कई बाजारों में भी अपनी जगह बनाई. हालांकि अंतिम निर्यात इकाइयां संयंत्र में श्रमिक अशांति के बीच बनाई गई थी.
8 साल के जीवन काल में, इकोस्पोर्ट एक मजबूत विक्रेता बना रहा और रास्ते में कई अपडेट प्राप्त हुए. यह सबसे लोकप्रिय रूप से 1.5-लीटर डीजल इंजन के साथ बेचा गया था, जबकि अन्य विकल्पों में 1.5-लीटर पेट्रोल और 1.0-लीटर टर्बोचार्ज्ड इकोबूस्ट पेट्रोल मोटर शामिल थे. ईकोस्पोर्ट का आखिरी अपडेट 2021 में आया जब फोर्ड ने टेलगेट माउंटेड स्पेयर व्हील के बिना एक नया ट्रिम पेश किया. अफसोस की बात है कि यह ईकोस्पोर्ट के अंत का प्रतीक है, एक ऐसी कार जिसके लिए नए जमाने की कई सबकॉम्पैक्ट एसयूवी अपनी सफलता का श्रेय देती हैं.
Last Updated on July 22, 2022