लॉगिन

फोर्ड भारत में फिर से बनाना शुरू करेगी वाहन, चेन्नई में बनी कारों का अन्य देशों में होगा निर्यात

फोर्ड ने अपने चेन्नई प्लांट में निर्यात बाजारों के लिए कारों का निर्माण फिर से शुरू करने के लिए तमिलनाडु सरकार के साथ एक आशय पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं.
Calendar-icon

द्वारा ऋषभ परमार

clock-icon

3 मिनट पढ़े

Calendar-icon

प्रकाशित सितंबर 13, 2024

हमें फॉलो करें

google-news-icon
Story

हाइलाइट्स

  • फोर्ड चेन्नई प्लांट में वाहन बनाकर उनको अन्य देशों में निर्यात करेगी
  • तमिलनाडु सरकार के साथ आशय पत्र पर किये हस्ताक्षर
  • प्रोडक्शन प्लांट को फिर से शुरू करने से 3,000 तक नई नौकरियों मिलने की उम्मीद

फोर्ड भारत में कार बनाना फिर से शुरू करने के लिए तैयार है, हालांकि यहां बनी कारें केवल अन्य बाज़ारों में निर्यात की जाएंगी. कंपनी ने घोषणा की है कि उसने अपने चेन्नई प्लांट में निर्माण कार्यों को फिर से शुरू करने के लिए तमिलनाडु सरकार के साथ एक आशय पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं. दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर अमेरिकी कंपनी के नेतृत्व और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन की संयुक्त राज्य अमेरिका यात्रा के दौरान एक बैठक के बाद हुआ.

 

यह भी पढ़ें: फोर्ड भारत में वापसी पर कर रही विचार, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री से बातचीत में है कंपनी

 

फोर्ड इंडिया ने पहले 2021 में स्थानीय वाहन निर्माण बंद करने के अपने फैसले की घोषणा की थी, जिसमें फोर्ड फिगो, फ्रीस्टाइल, एस्पायर, इकोस्पोर्ट और एंडेवर जैसे भारत में बनी कारों की बिक्री बंद कर दी गई थी. हालांकि कुछ लोग निर्यात के लिए बनने वाले वाहनों को कंपनी की भारतीय कार बाजार में फिर से वापसी की दिशा में एक कदम के रूप में देख सकते हैं, लेकिन फिलहाल ऐसी कोई योजना अज्ञात बनी हुई है. निर्माण बंद करने के समय, फोर्ड ने अपने वैश्विक वाहन पोर्टफोलियो जैसे मस्टैंग और मस्टैंग मच ई से लोकप्रिय मॉडल लाइनों के साथ भारत लौटने की योजना का खुलासा किया था, हालांकि ये योजनाएं अभी तक पूरी नहीं हुई हैं.

Ford MK Stalin

एक बयान में फोर्ड इंटरनेशनल मार्केट्स ग्रुप के अध्यक्ष, के हार्ट ने कहा, “हम तमिलनाडु सरकार के निरंतर समर्थन के लिए आभारी हैं क्योंकि हमने चेन्नई प्लांट के लिए विभिन्न विकल्पों की खोज की है. इस कदम का उद्देश्य भारत के प्रति हमारी चल रही प्रतिबद्धता को दिखाना है क्योंकि हम नए वैश्विक बाजारों की सर्विस के लिए तमिलनाडु में उपलब्ध प्रोडक्शन प्लांट विशेषज्ञता का लाभ उठाने का इरादा रखते हैं."

 

कंपनी ने कहा कि वाहन निर्यात पर ध्यान केंद्रित करने के लिए प्लांट को फिर से उपयोग ब्रांड की फोर्ड+ विकास योजना के बाद किया गया. योजना के तहत, कंपनी ने अपने व्यवसाय को ईवी और पेट्रोल-डीज़ल वाहनों के लिए समर्पित वर्टिकल सहित कई वर्टिकल में बांटा है. यह योजना मजबूत नकदी प्रवाह और लाभदायक वृद्धि पैदा करने के साथ-साथ दक्षता में सुधार करने का भी आह्वान करती है.

 

हालाँकि, फोर्ड ने अभी तक अपने चेन्नई प्लांट में निर्माण फिर से शुरू करने की योजना के बारे में अधिक जानकारी साझा नहीं की है. कंपनी का कहना है कि निर्माण के प्रकार, निर्यात के लिए बाजार आदि जैसे अधिक जानकारियां उचित समय पर सामने आएंगी.


यह भी पढ़ें : वर्ल्ड ईवी डे 2024: रोल्स-रॉयस स्पेक्टर से लेकर टाटा पंच ईवी तक, इस साल भारत में अब तक लॉन्च हो चुकी हैं ये इलेक्ट्रिक कारें

 

तमिलनाडु में फोर्ड का ग्लोबल बिजनेस ऑपरेशंस वर्तमान में लगभग 12,000 व्यक्तियों को रोजगार देता है और यह संख्या बढ़ने की उम्मीद है. फोर्ड का कहना है कि वाहन विनिर्माण परिचालन को फिर से शुरू करने से अगले तीन वर्षों के भीतर 3,000 नए कर्मचारियों की नियुक्ति हो सकती है.

 

तमिलनाडु प्लांट को छोड़ दें तो, फोर्ड ने अभी भी साणंद में अपनी इंजन निर्माण प्लांट का उपयोग बरकरार रखा है. कार निर्माता ने वित्त वर्ष 2023 के दौरान साणंद वाहन निर्माण प्लांट टाटा मोटर्स को बेच दिया था, हालांकि इंजन निर्माण प्लांट फोर्ड इंडिया ने बरकरार रखा था.

 

अपने चेन्नई प्लांट में कारों का विनिर्माण फिर से शुरू करने की अपनी योजना की घोषणा करने के अलावा, फोर्ड ने भारत में मौजूदा फोर्ड वाहन मालिकों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता भी दोहराई. कंपनी ने कहा कि वह अपने मौजूदा वाहन मालिकों को व्यापक ग्राहक सहायता, स्पेयर पार्ट्स और वारंटी देना जारी रखेगी.

Stay updated with automotive news and reviews right at your fingertips through carandbike.com's WhatsApp Channel.

पुरानी कारों पर शानदार डील

सभी यूज़्ड कार देखें

अपकमिंग कार्स

अपकमिंग बाइक्स

और ज्यादा खोजें