चिप की कमी के कारण महिंद्रा को 2021 की दूसरी तिमाही में उत्पादन में हुआ 32,000 वाहनों का नुकसान
हाइलाइट्स
पिछले कुछ वर्षों में वैश्विक स्तर पर ऑटो उद्योग कई तरह के संकटों से जूझ रहा है. इसकी शुरुआत महामारी के दौरान लॉकडाउन के कारण हुई, जिसमें अधिकतर देशों ने एक महीने में शून्य बिक्री दर्ज की और फिर सेमी-कंडक्टर चिप की कमी के कारण उत्पादन में बाधा उत्पन्न हुई. भारतीय ऑटो बाज़ार को भी भारी चुनौतियों का सामना करना पड़ा है और महिंद्रा ने कहा है कि सेमी-कंडक्टर की कमी के कारण इस साल की दूसरी तिमाही में उसे 32,000 वाहनों के उत्पादन का नुकसान हुआ है. महिंद्रा के एमडी और सीईओ अनीश शाह ने कंपनी के वित्तीय नतीजों पर मीडिया को संबोधित करते हुए ये आंकड़े पेश किए.
हालांकि, सेमी-कंडक्टर की कमी के कारण उत्पादन के इस नुकसान का स्पष्टीकरण राजेश जेजुरिकर, कार्यकारी निदेशक, ऑटो और फार्म सेक्टर, महिंद्रा द्वारा दिया गया. उन्होंने कहा, "दूसरी तिमाही में शायद चिप की सबसे ज़्यादा कमी थी जिसे हमने भी देखा है. यह मुख्य रूप से ECU इकाइयों को प्रभावित कर रहा था जो इंजन में लगती हैं. साथ ही इसने सुप्रो और जीतो जैसे हमारे LCV को भी प्रभावित किया. यह एक साधारण आईसी था जिसकी कीमत 3 या 4 डॉलर थी जो मलेशिया में बनाई जाती है. देश 3 से 4 सप्ताह के लिए COVID-19 लॉक डाउन में चला गया, और इससे सप्लाय पूरी तरह से रुक गई थी.“
Thar और XUV700 जैसी नई लॉन्च की गई कारों का उत्पादन भी प्रभावित हुआ है. वहीं कंपनी Marazzo को ऑटोमैटिक गियरबॉक्स के साथ लॉन्च करने की तैयारी कर रही थी, लेकिन चिप की कमी के कारण इसमें भी देरी हो रही है. कंपनी अब इस मुद्दे को हल करने के लिए कदम उठा रही है ताकि ग्राहकों द्वारा खरीदी गई कारों की सही टाइम पर डिलीवरी में मदद मिल सके.