नए वाहन खरीदारों को पुराने वाहनों को स्क्रैप करने का लाभ मिलेगा: नितिन गडकरी
हाइलाइट्स
भारतीय वित्त मंत्री, निर्मला सीतारमण द्वारा केंद्रीय बजट 2021-22 के दौरान वाहन कबाड़ नीति की घोषणा की गई थी. यह नई नीति वायु प्रदूषण को रोकने के लिए उठाए गए प्रमुख कदमों में से एक है, जिसे भारतीय ऑटोमोबाइल क्षेत्र को बढ़ावा देने की उम्मीद है. इस नई नीति से कोरोना महामारी के कारण क्षेत्र पर पड़े दबाव की कम होने की भी संभावना है. पीटीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि नई कारों के खरीदारों को अपनी पुरानी कारों को स्क्रैप करने का लाभ मिलेगा. सड़क परिवहन मंत्री ने इस नीति को एक वरदान करार दिया, जो भविष्य में उद्योग को 10 लाख करोड़ तक के कारोबार के साथ 30 प्रतिशत का बढ़ावा देगी.
सरकार के अनुसार नीति उद्योग को 10 लाख करोड़ तक के कारोबार के साथ 30 प्रतिशत का बढ़ावा देगी.
मंत्री ने यह भी कहा कि नीति विवरण जल्द ही सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) द्वारा साझा किया जाएगा, और नीति ऑटोमोबाइल क्षेत्र को एक ऐसे क्षेत्र में बदल देगी जो भविष्य में अधिकतम संख्या में रोजगार की पेशकश करेगा. उनके मुताबिक नीति के परिणामस्वरूप लगभग रु 10,000 करोड़ के नए निवेश होंगे और कम से कम 50,000 लोगों को रोज़गार मिलेगा.
यह भी पढ़ें: यूनियन बजट 2021: वाहनों को नष्ट करने की नीति पर जल्द होगा ऐलान
पुराने और प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों के बारे में पूछे जाने पर, मंत्री ने कहा कि ग्रीन टैक्स और अन्य लेवी के प्रावधान हैं और पुराने वाहनों को सख्त फिटनेस परीक्षण से गुजरना होगा. नीति के अनुसार, निजी वाहनों को 20 साल पूरे होने के बाद फिटनेस परीक्षण से गुजरना होगा जबकि कमर्शल वाहनों को 15 साल बाद फिटनेस परीक्षण देना होगा. इन फिटनेस परीक्षणों को पीपीपी मोड के तहत स्थापित किया जाएगा.
Last Updated on February 8, 2021