सरकारी वाहनों को 15 साल के बाद दोबारा रजिस्टर नही करने का प्रस्ताव
हाइलाइट्स
केंद्रीय सरकार के सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने एक मसौदा अधिसूचना जारी की है जिसमें कहा गया है कि देश में सरकारी वाहनों का 15 साल के बाद दोबारा रजिस्ट्रेशन नही किया जाएगा. इसमें केंद्रीय सरकार, राज्य सरकारें और केन्द्र शासित प्रदेश सरकारें शामिल हैं. इसके अलावा यह नियम स्थानीय सरकारी संस्थानों, सार्वजनिक उपक्रमों, राज्य परिवहन उपक्रमों और स्वायत्त निकायों पर भी लागू होंगे. इस नीति का 1 अप्रैल 2022 से प्रभावी होने का प्रस्ताव है. सरकार द्वारा 30 दिनों की अवधि में सुझाव और आपत्तियां आमंत्रित की गई हैं.
सरकार द्वारा 30 दिनों की अवधि में सुझाव और आपत्तियां आमंत्रित की गई हैं.
सड़कों पर पुराने वाहनों के चलन को घटाने और हतोत्साहित करने के लिए सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने सरकार के सामने हाल ही में एक प्रस्ताव पेश किया था. इस प्रस्ताव में 20 साल से पुराने पैसेंजर वाहन या 15 साल से पुराने कमर्शियल वाहनों के रजिस्ट्रेशन को रिन्यू कराने में लगने वाले शुल्क को 25 गुना बढ़ा दिया गया था. इसके मुताबिक कमर्शियल वाहनों के लिए सालाना योग्यता परीक्षण शुल्क को मौजूदा शुल्क के मुकाबले 125 गुना तक बढ़ाया जा सकता है, अगर इस प्रस्ताव को मंज़ूरी मिलती है तो. यह प्रस्ताव फिलहाल अपने प्रारंभिक दौर में है और अलग-अलग विभागों से प्रतिक्रिया के लिए इसे भेजा गया है.
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इस प्रस्ताव के अनुसार कमर्शियन वाहनों के लिए योग्यता परीक्षण शुल्क रु 200 की जगह अब रु 25,000 तक लिया जाने वाला है. इसी बीच कार या मिनी ट्रक पर लगने वाला शुल्क वाहन के हिसाब से रु 15,000 से रु 25,000 तक लिया जाएगा. पैसेंजर वाहनों की बात करें तो कार मालिक को 15 साल बाद वाहन का रजिस्ट्रेशन रिन्यू कराना हेता है जिसके लिए अब रु 15,000 तक वसूल किए जाएंगे, फिलहाल यह शुल्क रु 600 है.