रेनॉ-निसान ने भारत में अपने भविष्य की योजनाओं की घोषणा की
हाइलाइट्स
रेनॉ ग्रुप और निसान मोटर कंपनी लिमिटेड ने एक निश्चित समझौते की घोषणा की है, जिसका खाका इस साल की शुरुआत में तैयार किया गया था. इस समझौते के तहत कुछ अन्य देशों के अलावा भारतीय बाजार के लिए अतिरिक्त निवेश और नए मॉडल शामिल हैं. घोषणा में कहा गया है कि ये लेनदेन कुछ पूर्व शर्तों के मुताबिक है, जिनमें रेग्यूलेटरी स्वीकृति भी शामिल है और सभी को 2023 के अंत तक पूरा किए जाने की उम्मीद है.
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इसके परिणामस्वरूप, अब यह सभी सहयोगियों (रेनॉ, निसान और मित्सुबिशी) की मदद के लिए भारत, दक्षिण अमेरिका और यूरोप में नई प्रमुख परियोजनाओं पर विचार कर रहा है. रेनॉ और निसान दोनों ने ईवी सहित नए निवेश और वाहनों के माध्यम से भारत में परिचालन के लिए अपने वादे की पुष्टि की.
एलायंस पहले ही भारतीय बाजार में नई कारें पेश करने के लिए प्रतिबद्ध है
इससे निसान (और यहां तक कि रेनॉ) के ग्राहकों और डीलरों को बड़ी राहत मिलेगी, क्योंकि व्यापार और मैनेजमेंट में उथल-पुथल के कारण कोविड-19 महामारी के बाद से अलायंस विश्व स्तर पर संघर्ष कर रहा है. इसका असर भारत पर भी पड़ा, क्योंकि इसने दोनों ब्रांडों के भारत के लिए भविष्य के मॉडलों पर सवालिया निशान लगा दिया, परियोजनाओं की कोई निश्चित पाइपलाइन नहीं थी, खासकर भारत में बने वाहनों के लिए. निसान के पास फिलहाल सिर्फ मैग्नाइट सब-4एम एसयूवी बिक्री पर है. थोड़े बड़े पोर्टफोलियो के साथ रेनॉ बेहतर स्थिति में है, लेकिन दो साल से अधिक समय पहले काइगर सब-कॉम्पैक्ट एसयूवी को लॉन्च करने के बाद से कंपनी ने कोई कार लॉन्च नहीं की है.
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निसान ने पिछले साल भारत के लिए संभावित लॉन्च के रूप में कुछ अंतरराष्ट्रीय मॉडलों को दिखाया था, लेकिन उनके आने में देरी हो रही है. इसकी लोकप्रिय नई एक्स-ट्रेल, जो एक समय भारत में बेची जाती थी, लॉन्च के मामले में तय समय से कुछ महीने पीछे बताई जा रही है. डस्टर को बंद करने के बाद फिर से लॉन्च करने में रेनॉ भी चूक गई, लेकिन अब इस लोकप्रिय एसयूवी को उसके नए अवतार में वापस लाने की योजना बनाई जा रही है. अन्य क्षेत्रों में से एक जहां समझौते से मदद मिलेगी वह इलेक्ट्रिक वाहन हैं, जिससे सभी ब्रांडों को फायदा होगा. फिलहाल निसान को वहां थोड़ी बढ़त हासिल है, जिससे निश्चित तौर पर रेनॉ और यहां तक कि मित्सुबिशी को भी मदद मिलेगी.
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इस सहयोग के हिस्से के रूप में निसान ने यूरोप में रेनॉल्ट ग्रुप की ईवी और सॉफ्टवेयर कंपनी एम्पीयर में एक रणनीतिक निवेशक बनने के अपने इरादे की पुष्टि की है. जिसके अनुसार, निसान ने एम्पीयर में €600 मिलियन (लगभग ₹5,450 करोड़ ) तक निवेश करने का वादा किया है. रेनॉ समूह और निसान ने एक नए साझेदारी समझौते में प्रवेश किया है, जो उन्हें नियंत्रित करने वाले मौजूदा समझौतों की जगह लेगा, जैसा कि 6 फरवरी, 2023 को घोषणा की गई थी, रेनॉ अपने निसान के 28.4 प्रतिशत शेयरों को एक फ्रांसीसी ट्रस्ट में शिफ्ट कर देगा, जिसके परिणामस्वरूप, निसान-रेनॉ समूह में अपनी हिस्सेदारी से जुड़े अपने मतदान अधिकारों का प्रयोग करने में सक्षम होगा.
Last Updated on July 27, 2023