बजट 2019 में सामान्य कारों के बदले इलैक्ट्रिक वाहनों पर फोकस, पेट्रोल-डीजल होगा महंगा
हाइलाइट्स
यूनियन बजट 2019 से बहुत सारी उम्मीदें लगाई गई थीं, खासतौर पर ऑटोमोटिव जगत की नज़रे इस बजट पर बनी हुई थीं. 2018 से बाज़ार में मंदी छाई हुई है और इससे जूझ रही कार निर्माता कंपनियों ने इस बजट से GST दरों में कमी की काफी उम्मीदें लगा रही थी. ऐसे में जहां सरकार ने पेट्रोल, डीजल और हाईब्रिड वाहनों के GST रेट्स में कोई कमी नहीं की, वहीं इस बार वाहनों के इलैक्ट्रिफिकेशन पर फोकस किया गया है. सामान्य कार बनाने वाली कंपनियों को कोई राहत नहीं मिली है क्योंकि सरकार ने इनकी GST दरों में कोई कमी नहीं की है. इससे अलग फायनेंस मिनिस्टर ने पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज़ ड्यूटी और रोड सेस को 1 रुपए/लीटर बढ़ाए जाने की घोषणा की है.
ये भी पढ़ें : यूनियन बजट 2019: सरकार की सिफारिश, इलैक्ट्रिक वाहनों पर 12% से 5% करें GST
बजट सुनाते समय फायनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार GST काउंसिल से सिफारिश करती है कि इलैक्ट्रिक वाहनों पर GST 12% से घटाकर 5% किया जाए, जिससे इलैक्ट्रिक वाहनों को कम कीमत वाला बनाया जा सके. घटी हुई GST दर से संभवतः इलैक्ट्रिक कारों के दाम गिरेंगे, साथ ही इसे सामान्य कार ग्राहक तक आसानी से उपलब्ध कराया जा सकेगा. यह कदम नीति आयोग के उस सुझाव की ओर इशारा करता है जिसमें 150cc से कम दमदार टू-व्हीलर्स को 2025 तक और थ्री-व्हीलर्स को 2023 तक बंद करके इन्हें इलैक्ट्रिक वाहनों में बदलने की बात की गई थी.
ये भी पढ़ें : यूनियन बजट 2019: नेशनल ट्रांसपोर्ट कार्ड लॉन्च करेगी सरकार, कई जगह काम आएगा 'रुपे'
अगर आप इलैक्ट्रिक कार खरीदते हैं तो उसपर लिए गए लोन का ब्याज भरने पर आपके इन्कम टैक्स में 1 लाख 50 हज़ार रुपए की कटौती होगी. फायनेंस मिनिस्टर ने कहा कि इस कटौती से लोन पीरियड में 2 लाख 50 हज़ार रुपए प्रतिव्यक्ति बचत की जा सकेगी. उन्होंने ये भी बताया कि इलैक्ट्रिक वाहनों के कुछ पुर्ज़ों पर कस्टम ड्यूटी घटा दी गई है. एक और अच्छी खबर ये है कि इलैक्ट्रिक वाहनों के लिए चार्जिंग स्टेशन वाला भारत का पहला हाईवे कॉरिडोर 2020 तक बनाया जाएगा जिसके लिए दिल्ली-आगरा और दिल्ली जयपुर हाईवे को चुना गया है.