यूज़्ड छोटी कारें और ईवी होंगी महंगी? जीएसटी काउंसिल कथित तौर पर टैक्स बढ़ाने पर कर रहा विचार
हाइलाइट्स
- यूज़्ड ईवी पर जीएसटी वर्तमान में 12 प्रतिशत निर्धारित है
- जीएसटी टैक्स को मानकीकृत करने के लिए इसे 18 फीसदी तक बढ़ाये जाने की संभावना है
- वर्तमान में यूज़्ड कार बाजार पर दो जीएसटी दरें लगती हैं - 12 प्रतिशत और 18 प्रतिशत
आने वाले हफ्तों में यूज़्ड इलेक्ट्रिक कारें, सबकॉम्पैक्ट सेडान, एसयूवी और हैचबैक की कीमतें बढ़ सकती हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक, जीएसटी काउंसिल पुरानी कार बाजार के लिए जीएसटी दर मानकीकरण पर विचार करने के लिए तैयार है, जिससे छोटी कारें और ईवी अधिक महंगी हो सकती हैं.
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वर्तमान में बाजार में टैक्स दो स्लैब के तहत कर लगाया जाता है, 4 मीटर से कम साइज़ की ईवी और पेट्रोल-डीज़ल मॉडल के लिए 12 प्रतिशत और 1200 सीसी से कम के पेट्रोल इंजन और 1500 सीसी से कम के डीजल इंजन, और अन्य सभी मॉडलों के लिए 18 प्रतिशत कर लगाया जा सकता है.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, जीएसटी काउंसिल की फिटमेंट कमेटी ने सभी श्रेणियों के वाहनों के लिए इस दर को 18 फीसदी तक मानकीकृत करने की सिफारिश की है. इससे यूज़्ड ईवी और सबकॉम्पैक्ट पेट्रोल-डीज़ल मॉडल पहले की तुलना में महंगे हो जाएंगे. ध्यान रखें कि जीएसटी केवल डीलरों के हाथों पुरानी कारों की बिक्री पर लागू होती है, किसी निजी व्यक्ति द्वारा कार की बिक्री पर नहीं. यह दर ऐसी बिक्री पर डीलरों द्वारा अर्जित मार्जिन पर लागू होती है - खरीद मूल्य घटाकर अंतिम बिक्री मूल्य पर.
जीएसटी काउंसिल की बैठक 20 और 21 दिसंबर को होने वाली है, जहां कथित तौर पर प्रस्तावित दर परिवर्तन को विचार के लिए पेश किया जाएगा.