कोरोना महामारीः 21 दिन भारत बंद के दौरान सरकार ने फ्री किए सभी टोल भुगतान
हाइलाइट्स
दुनिया पर अभी जो सबसे बड़ा खतरा मंडरा रहा है वो कोरोना वायरस है और इससे लड़ने के लिए भारत में बड़े कदम उठाए जा रहे हैं जिसमें 21 दिनों का भारत बंद शामिल है. संकट की इस घड़ी में लॉकडाउन के बाद भी सरकार ने ज़रूरत का सामान उपलब्ध कराए जाने की गाइडलाइन भी जारी की है जिसमें खाना, दूध, दवाईयां और खुद के बचाव का सामान शामिल हैं. देशभर में हर जगह भीड़ लगाने पर रोक लगी है और बहुत आवश्यक होने पर सड़क का इस्तेमाल करने वालों को भी सरकार ने राहत पहुंचाई है. भारत सरकार ने 25 मार्च से 15 अप्रल 2020 तक सभी टोल नाकों को फ्री कर दिया है.
यूनियन मिनिस्टर नितिन गडकरी (सड़क परिवहन और हाईवे मंत्रालय) ने एक ट्वीट में कहा है कि "COVID-19 के मद्देनज़र ये फैसला लिया गया है कि देशभर के सभी टोल नाकों पर अस्थाई रूप से कलेक्शन बंद कर दिया गया है. इसे ना सिर्फ सुविधा के लिए मुफ्त किया गया है, बल्की लोगों के कीमती समय को बचाना भी लक्ष्य है." आगे सफाई देते हुए अगले ट्वीट में गडकरी ने बताया कि टोल प्लाज़ा पर सड़कों की मरम्मत और इमरजेंसी सुविधाओं का काम जारी रखा गया है.
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25 मार्च से लेकर 15 अप्रैल तक भारत की किसी भी सड़क पर अगर आप वाहन चला रहे हैं तो आपको टोल नाके पर रुकने की आवश्यक्ता नहीं है, इससे भीड़ की स्थिति से भी बचा जाएगा. जिन राज्यों की सीमाओं को बंद कर दिया गया है और इनमें निजी और कमर्शियन वाहनों का प्रवेश वर्जित है. इस स्थिति में शहरों में चलने वाले वाहनों और कर्फ्यू पास के साथ हाईवे पर चलने वाले वाहनों को ही काम करने की अनुमति दी गई है. इन वाहनों में एंबुलेंस और ज़रूरी सामान के मालवाहक शामिल हैं. भारत सरकार द्वारा उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार भारत में अबतक 600 से ज़्यादा कोरोना के पॉजिटिव केस मिल चुके हैं जिनमें से 12 लोगों की मौत हो चुकी है. इस वायरस को फैलने से रोकने के लिए ही 21 दिनों के लॉकडाउन का ऐलान किया गया है.