महिंद्रा एंड महिंद्रा को कर्ज में डूबी सैंगयॉन्ग मोटर कंपनी के लिए मिला खरीदार
हाइलाइट्स
महिंद्रा एंड महिंद्रा को आखिरकार कर्ज में डूबी सैंगयॉन्ग मोटर कंपनी के लिए खरीदार मिल गया है. एडिसन मोटर्स के नेतृत्व में एक स्थानीय संघ दक्षिण कोरियाई कार निर्माता का अधिग्रहण करने के लिए सहमत हो गया है. इलेक्ट्रिक कार कंपनी SsangYong को 305 बिलियन वॉन (लगभग $ 254.65 मिलियन या ₹ 1,882 करोड़) में खरीदेगी. महिंद्रा ने एक नियामक फाइलिंग में कहा कि कंसोर्टियम ने अपने निवेश के लिए सैंगयॉन्ग में 95 प्रतिशत हिस्सेदारी मांगी है. महिंद्रा के पास कंपनी की 75 फीसदी हिस्सेदारी थी.
महिंद्रा ने 2010 में सैंगयॉन्ग का अधिग्रहण किया और दक्षिण कोरियाई कंपनी में इसकी 75 प्रतिशत हिस्सेदारी थी.
महिंद्रा एंड महिंद्रा ने एक बयान में कहा, "हमें यह सुनकर खुशी हुई कि एडिसन मोटर्स कंसोर्टियम औपचारिक रूप से एसवाईएमसी का अधिग्रहण करने के लिए सहमत हो गया है और यह अधिग्रहण अगले चरण में एक निश्चित समय सीमा में आगे बढ़ेगा. हम इसको सक्षम करने में नए निवेशक के साथ सहयोग करेंगे."
सैंगयॉन्ग का कारोबार लगातार घाटे में रहा है. 2021 में कंपनी की बिक्री में 21 प्रतिशत की गिरावट आई, जिसमें इसको ₹ 11,140 करोड़ की कमाई से ₹ 1,473 करोड़ का कुल घाटा हुआ. 2021 में निर्माता की बिक्री 84,496 इकाइयों की रही.
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महिंद्रा ने मूल रूप से 2010 में SsangYong का अधिग्रहण किया था और उस समय इसे लगभग दिवालिया होने से बचाया था. कंपनी ने ब्रांड के लिए कई रणनीतियां बनाईं जिसमें नए वाहनों के साथ-साथ भारत में SsangYong मॉडलों की बिक्री शामिल थी. लेकिन, बिगड़ती वित्तीय सेहत ने भारतीय ऑटो दिग्गज को आखिरकार कंपनी से अलग होने के लिए मजबूर किया.