इलैक्ट्रिक वाहनों के लिए संसद भवन में फास्ट चार्जर स्थापित, जानें फेम II स्कीम के बारे में
हाइलाइट्स
वाहनों का इलैक्ट्रिफिकेशन लंबे समय से भारत सरकार की पहली प्राथमिकता बनी हुई है और इन वाहनों को जल्द व्यवहारिक बनाने के लिए सभी मुमकिन विकल्पों को अमल में लाया जा रहा है. अल्टरनेट करंट और डायरेक्ट करंट या एसी और डीसी फास्ट चार्जिंग स्टेशन हाल ही में संसद में लगाया गया है जहां इलैक्ट्रिक वाहन चार्ज किए जाएंगे और यह EESL द्वारा दिए गए टेंडर का हिस्सा है. लोकसभा की सेक्रेटरी जनरल स्नेहलता श्रीवास्तव ने इस इलैक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन का उद्घाटन किया, इसके साथ ही उन्होंने हालिया सप्लाइ हुई टाटा टिगोर इलैक्ट्रिक और महिंद्रा ईवेरिटो को भी हरी झंडी दिखाई. इस कार्यक्रम में EESL के आला अधिकारी भी मौजूद थे.
लोकसभा की सेक्रेटरी जनरल स्नेहलता श्रीवास्तव ने इस इलैक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन का उद्घाटन किया
भारत में लागू फेम II स्कीम के अंतर्गत EESL को महानगर से शुरुआत करते हुए पूरे भारत में इलैक्ट्रिक वाहनों को चार्ज करने के लिए व्यापक तौर पर चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने का काम दिया गया है. EESL फिलहाल जहां इलैक्ट्रिक वाहन सप्लाई कर रही है, उन सरकारी दफ्तरों के अलावा कंपनी पार्किंग की जगह, शॉपिंग मॉल्स और पेट्रोल पंप पर ये स्टेशन स्थापित करेगी जिससे निजी इलैक्ट्रिक वाहन इस्तेमाल करने वालों को आसानी हो सके. बता दें कि फेम II का पूरा नाम फास्टर अडॉप्टशन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ इलैक्ट्रिक व्हीकल्स II है.
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फेम II को कुछ समय पहले फरवरी 2019 में केबिनेट ने मंजूरी दी है जिसमें इस स्कीम के तहत इलैक्ट्रिक वाहनों के ज़्यादा इस्तेमाल को प्रोत्साहन देने के लिए सरकार 10,000 करोड़ रुपए खर्च करेगी. इस राशि से इलैक्ट्रिक वाहनों को आम वाहन बनाने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर पर बड़ी रकम खर्च की जाने वाली है. इस स्कमी में महानगरों और बाकी स्मार्ट शहरों में 2700 फास्ट चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने की बात कही गई है, इनमें 2 टियर शहर और पहाड़ी इलाके भी शामिल हैं. सरकार का लक्ष्य है कि हर तीन किलोमीटर में एम इलैक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन उपलब्ध कराया जाए और बड़े शहरों को जोड़ने वाले मुख्य हाईवे पर हर 25 किमी पर यह चार्जिंग स्टेशन हो ऐसी सरकार की चाह है.