कार की विंडस्क्रीन पर नहीं हुआ फास्टैग, तो देना पड़ सकता है दोगुना टोल
हाइलाइट्स
- NHAI ने वाहन के फ्रंट विंडशील्ड पर FASTags को फिट करना अनिवार्य कर दिया है
- बिना फास्टैग लगे वाहनों को दोगुना टोल देना होगा
- बिना चिपकाए फास्टैग को भी ब्लैक लिस्ट में डाला जा सकता है
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने राष्ट्रीय राजमार्गों पर टोल भुगतान के लिए नए दिशानिर्देश जारी किए हैं. नए दिशानिर्देशों के अनुसार सभी वाहनों के सामने विंडशील्ड पर वैध फास्टैग चिपका होना चाहिए अन्यथा राजमार्ग टोल प्लाजा पर दोगुना टोल चुकाने का जोखिम उठाना पड़ेगा. नए उपाय का उद्देश्य टोल कलेक्शन प्रक्रिया को तेज करने में मदद करना है और साथ ही उपयोगकर्ताओं को जानबूझकर अपनी कार में FASTag नहीं लगाने से रोकना है.
एक बयान के अनुसार, सभी टोल कलेक्शन एजेंसियों को नई मानक संचालन प्रक्रियाएं जारी की गई हैं और सभी टोल प्लाजा उपयोगकर्ताओं को जुर्माने की सूचना देते हुए एक चेतावनी प्रदर्शित करेंगे. बयान में यह भी कहा गया है कि रिकॉर्ड रखने के उद्देश्य से टोल प्लाजा पर विंडशील्ड पर फास्टैग के बिना लगे वाहनों के प्रदर्शन पर वाहन रजिस्ट्रेशन संख्या के साथ सीसीटीवी फुटेज रिकॉर्ड किए जाएंगे. फास्टैग को ब्लैकलिस्ट भी किया जा सकता है.
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एनएचएआई ने कहा कि उसने सभी फास्टैग जारी करने वाले बैंकों को यह सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया है कि किसी भी बिक्री केंद्र से जारी करते समय फास्टैग को निर्दिष्ट वाहन पर चिपका दिया जाए.
15 फरवरी 2021 से सभी यात्री वाहनों पर फास्टैग अनिवार्य है और यह राजमार्गों पर टोल कलेक्शन का प्राथमिक स्रोत है. बिना वैध फास्टैग वाले वाहनों या नकद में भुगतान करने वाले उपयोगकर्ताओं को सभी टोल प्लाजा पर दोगुना टोल शुल्क देना पड़ता है. आज सभी नए वाहन डीलरशिप से फास्टैग के साथ आते हैं, जबकि पुराने वाहनों के मालिक अधिकांश प्रमुख बैंकों सहित 39 पंजीकृत वित्तीय संस्थानों की सूची से FASTags खरीद सकते हैं.