फोर्ड फीगो 1.2 ऑटोमैटिक रिव्यूः देर से सही, लेकिन सेगमेंट में हुई फोर्ड की एंट्री
हाइलाइट्स
दूसरी जनरेशन फोर्ड फीगो को भारत आए करीब 6 साल हो चुके हैं और इसे बड़े बदलाव मिलना लंबे समय से बाकी था. साल 2018 में इस कार का फेसलिफ्ट मॉडल पेश किया गया था, लेकिन मुकाबले की कारें काफी आधुनिक तकनीक के साथ बाज़ार में आ चुकी हैं. जहां फीगो की बढ़ती उम्र अब दिखना शुरू हो चुकी है, वहीं फिलहाल के लिए फोर्ड अब इस रेन्ज का दायरा बढ़ाने पर ध्यान लगा रही है. इसकी शुरुआत नए ऑटोमैटिक वेरिएंट से हुई है जो 1.2-लीटर पेट्रोल इंजन के साथ पेश किया गया है.
डायनेमिक्स
यह वही 6-स्पीड टॉर्क कन्वर्टर ट्रांसमिशन है जो फोर्ड एकोस्पोर्ट के 1.5-लीटर पेट्रोल मॉडल के साथ दिया जाता है और अब इसे फीगो 1.2-लीटर पेट्रोल के साथ उपलब्ध कराया गया है. फीगो 1.2 टॉर्क कन्वर्टर काफी स्पोर्टी ऑटोमैटिक मॉडल है. एएमटी के मुकाबले इसका प्रदर्शन बहुत अच्छा और फुर्तीला है. अच्छी बात यह है कि Ford India ने कार के साथ एएमटी की जगह टॉर्क कन्वर्टर ट्रांसमिशन दिया गया है जो असल में एएमटी के मुकाबले बहुत बेहतर है.
गौरतलब है कि फोर्ड फीगो इंजन के मामले में दमदार होती है और इसके साथ भी 1.2-लीटर इस श्रेणी में सबसे अच्छा है और 94 बीएचपी ताकत के साथ 119 एनएम पीक टॉर्क बनाता है. यह इंजन तेज़ी से कार को रफ्तार पर लाता है और बहुत सफाई के साथ अपना काम करता है. बता दें कि एएमटी के मुकाबले इस गियरबॉक्स से इंजन और भी दमदार प्रदर्शन करता है.
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कार के साथ स्पोर्ट मोड और सिलेक्ट शिफ्ट भी दिया गया है. तो जब आप इसे स्पोर्ट मोड पर डालते हैं तो कार की ताकत काफी बढ़ जाती है, हालांकि डी मोड पर आपको इसकी ताकत में कुछ कमी लगेगी, लेकिन एस मोड में आपको इंजन की ताकत का असली अंदाज़ा 5,000 आरपीएम तक हो जाता है. डायनामिक्स और स्टीयरिंग इसके स्पोर्टी किरदार में अपना रोल अच्छी तरह निभाते हैं. और इसकी राइड क्वालिटी से भी कोई समझौता नहीं किया गया है.
सिलेक्ट शिफ्ट फंक्शन के ज़रिए आप मैन्युअल तौर पर कार के गियर बदल सकते हैं जिसके लिए शिफ्टर पर दिए स्विच का इस्तेमाल भी किया जा सकता है. और इसके आदी होने में आपको कुछ समय लग सकता है. लेकिन ये कोई बड़ा फीचर नहीं है जिसके बूते कार खरीदी जाए. यहां एक और चीज़ है जिसकी कमी आपको खलेगी, क्योंकि यह एक ऑटोमैटिक कार है तो एक डैड पैडल पैर को आराम देने के लिए अच्छा साबित होता.
डिज़ाइन
हम आपको यह बात साफ तौर पर बताया चाहते हैं कि मुकाबले के हिसाब से देखें तो फीगो कुछ फीकी नज़र आती है. फोर्ड ने फीगो ऑटोमैटिक को एलईडी डीआरएल, प्रोजैक्टर हैडलैंप्स और कुछ क्रोम फिनिश दिए हैं जो इसे दिखने में आकर्षक बना रहे हैं.
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इंटीरियर और तकनीक
फीचर्स और स्टाइलिंग के मामले में भले ही कार का केबिन आपको पसंद ना आए. लेकिन यह साधारण है और बहुत अच्छे से तैयार किया गया है. तो यहां बहुत ज़्यादा शिकायत नहीं की जा सकती. फीचर्स के मामले में भी. फीगो 7.0-इंच इंफोटेनमेंट सिस्टम, ऑटो क्लाइमेट कंट्रोल, ऑटो हैडलैंप्स, रेन सेंसिंग वाइपर्स, ऐप आधारित फोर्ड पास कनेक्टेड कार तकनीक और ऑटो डिमिंग इंटीरियर रियर व्यू मिरर के साथ स्विफ्ट की बराबरी पर आती है.
लेकिन ग्रैंड आई10 निऑस का फिनिश इससे महंगा नज़र आता है और इसके साथ कई सारे आधुनिक फीचर्स भी दिए गए हैं जिनमें वायरलेस चार्जर, रियर एयर-कॉन वेंट्स और कूल्ड ग्लोवबॉक्स. बड़े आकार का टचस्क्रीन, पिछले हिस्से में एयर-कॉन वेंट्स और बीच में आर्मरेस्ट फोर्ड फीगो को मुकाबले में कुछ आगे बढ़ा सकते हैं. इसे आकर्षक बनाने में भी सहयोगी होंगे.
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सुरक्षा
लेकिन हां, सुरक्षा के मामले में यह कार दमदार है. फीगो के अगले हिस्से में मिलने वाले दो एयरबैग्स के अलावा साइड और कर्टन एयरबैग्स भी मिलते हैं जो मुकाबले की अधिकांश कारों में नहीं दिए गए हैं. इलेक्ट्रॉनिक स्टेबिलिटी प्रोग्राम, ट्रैक्शन कंट्रोल और हिल होल्ड असिस्ट भी ऐसे फीचर्स हैं जो सेगमेंट में सिर्फ फीगो के साथ ही आते हैं.
फैसला
फोर्ड इंडिया ने फीगो 1.2 पेट्रोल ऑटोमैटिक के टाइटेनियम वेरिएंट की एक्सशोरूम कीमत रु 7.75 लाख रखी है जो टाइटेनियम प्लस वेरिएंट के लिए रु 8.20 लाख तक जाती है, और जैसा कि फोर्ड ने वादा किया था, मुकाबले के हिसाब से यह कीमत आकर्षक है. तो यहां अगर आप ऑटोमैटिक हैचबैक खरीदने का प्लान बना रहे हैं. और लुक्स और फीचर्स से अलग आप किसी दमदार, फुर्तीली और सफाई से चलने वाली कार की तलाश में हैं. तो निश्चित तौर पर आपको फोर्ड फीगो 1.2 ऑटो चलाकर देखना चाहिए.
Last Updated on July 22, 2021