भारत में बिकने वाले टायरों के लिए नए नियमों पर सरकार ने जारी किया प्रस्ताव
हाइलाइट्स
भारत सरकार ने हाल में एक अधिसूचना जारी करते हुए टायर्स के लिए नया अनिवार्य नियम बनाने का प्रस्ताव रखा है. इस नए नियम के अनुसार भारत में बिकने वाले टायर्स को कुछ पैमानों पर खरा उतरना होगा जिनमें लुढ़कने से बचाव, गीली पकड़ और रोलिंग साउंड एमिशन शामिल हैं. यही नियम यूरोप में 2016 से हरकत में लाए जा चुके हैं जिसका उद्देश्य ग्राहकों के लिए वाहन के प्रदर्शन और सुरक्षा को बेहतर करना है. घरेलू टायर निर्माता और कार, बस और भारी वाहन आयात करने वालों को इन नियमों पर खरा उतरना अनिवार्य होगा.
सड़क परिवहन एवं हाईवे मंत्रालय ने इस अधिसूचना में प्रस्ताव रखा है कि टायरों के लिए नए नियमों को अक्टूबर 2021 से लागू किया जाए जो पूरी तरह नए टायरों पर अनिवार्य होंगे. इसी बीच मौजूदा टायर मॉडल को नए नियमों में ढलने के लिए अक्टूबर 2022 तक का समय दिया गया है. इस राह में पहला कदम संभवतः टायरों को स्टार रेटिंग देने के साथ रखा जाएगा. हाल में सीएट ने अपना खुदका टायर लेबल सिस्टम भारत में सिक्योराड्राइव रेन्ज के साथ शुरू किया है जिसमें यह सारी जानकारी उपलब्ध कराई जा रही है.
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भारत में कई सारी निर्माता कंपनियां हैं जो घरेलू स्तर पर टायर बनाकर दुनियाभर के बाज़ारों में निर्यात करती हैं. ऐसे में सुरक्षा नियमों पर खरा उतरना उत्पादकों के लिए कोई परेशानी वाली बात नहीं होगी. फिलहाल देश में बिकने वाले टायर्स को टायर क्वालिटी कंट्रोल ऑर्डर के तहत बीआईएस गुणवत्ता के स्तर को हासिल करना अनिवार्य है. हालांकि इसमें ग्राहकों को टायर खरीदने से पहले इसकी क्षमता की कोई जानकारी नहीं दी जाती. बीआईएस मार्किंग में टायर बाज़ार की भी कोई जवाबदेही तय नहीं की गई है जो कि नए नियमों में एक लक्ष्य बनाया गया है. नया नियम लागू होने पर भारत में बिकने वाला टायर अमेरिका, यूरोप, जापान और बाकी विकसित देशों में लागू नियमों के एक कदम नज़दीक पहुंच जाएगा.