EV बैटरी बनाने में भारत शीर्ष 10 देशों में शामिल हुआ
हाइलाइट्स
इलेक्ट्रिक वाहनों के बारे में चर्चा बढ़ रही है और जल्द ही हमें इलेक्ट्रिक वाहनों बड़ी मात्रा में वृद्धि देखने को मिलेगी. एक मजबूत और फैला हुआ चार्जिंग ढांचा निश्चित रूप से बहुत जरूरी है लेकिन इसके अलावा, लिथियम-आयन बैटरी की अधिक लागत भी एक चुनौती है जिससे EV उद्योग निपट रहा है. अच्छी खबर यह है कि भारत को टॉप 10 देशों में शामिल किया गया है, जहां बैटरी निर्माण की क्षमता है और यह विश्व स्तर पर बैटरी आपूर्ति करने में एक प्रमुख योगदान दे सकता है.
VC Elements द्वारा प्रकाशित आंकड़ों के अनुसार, भारत सूची में 9वें स्थान पर है और आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि यह मेक्सिको और संयुक्त राज्य अमेरिका से आगे है. चीन, बैटरी के लिए आवश्यक कच्चे माल की वैश्विक शोधन क्षमता के 80 प्रतिशत के साथ बैटरी निर्माण के क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर टॉप पर है. इसके बाद ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, दक्षिण अफ्रीका, चिली, अर्जेंटीना और बोलीविया का स्थान है जो भारत से ऊपर हैं.
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सुजुकी और टोयोटा जैसी वैश्विक कंपनियां पहले ही गुजरात में एक बैटरी प्लांट में निवेश कर चुकी हैं और यहां तक कि टेस्ला जैसी कंपनियां भी भारत में इसकी संभावनाएं तलाश रही है. इससे पहले हमने टाटा मोटर्स और महिंद्रा जैसे कार निर्माताओं को भी इस कारोबार में दिलचस्पी लेते सुना है, लेकिन अभी तक कुछ भी तय नहीं हुआ है. EVs भारत में दिनोंदिन प्रमुखता प्राप्त कर रहे हैं और EVs के लिए गूगल पर सर्च की संख्या भी काफी बढ़ रही है. उदाहरण के लिए, टाटा नेक्सन को इस साल औसतन प्रति माह गूगल पर 1.5 लाख से अधिक सर्च किया गया है, इसके बाद टाटा टिगोर EV और MG ZS EV हैं.