भारतीय ऑटो जगत ने खोया एक दमदार शख़्स, नहीं रहे जगदीश खट्टर

हाइलाइट्स
भारतीय ऑटो जगत के लिए आज एक बुरा दिन है क्योंकि मुखर व्यक्तित्व के प्रभावशाली और दूर की नज़र रखने वाले जगदीश खट्टर का निधन हो गया है. जगदीश खट्टर से मेरी पहली मुलाकात दिसंबर 1999 में हुई थी. मैंने एनडीटीवी के साथ काम करना शुरू ही किया था और यह कंपनी में मेरा पहला हफ्ता था. मेरे वरिष्ठ साथी की गैरमौजूदगी में मैं वहां अकेला था जिसके सिर पर अब मारुति उद्योग लि. के अगले बड़े लॉन्च को कवर करने की ज़िम्मेदारी थी, जो पहली जनरेशन वैगन आर टॉलबॉय हैचबैक थी. श्री खट्टर ने बोलना शुरू किया और तुरंत ही मुझे समझ आ गया है कि इन्हें भारतीय कार बाज़ार और ग्राहकों की गहरी जानकारी है. इसके बाद अगले कुछ सालों में मुझे उन्हें व्यक्तिगत और व्यवसायिक दोनों तरह से जानने का मौका मिला.
1993 में उन्हें मारुति उद्योग लि. के साथ काम करने का प्रस्ताव भेजा गयास्वर्गीय जगदीश खट्टर का जन्म देश के विभाजन से पहले 18 दिसंबर 1942 में हुआ था और उनका परिवार उद्यमियों का था. इन्होंने अपनी पढ़ाई दिल्ली से पूरी की और तबौर आईएएस अफसर 1969 से 1993 तक देश की सेवा करते रहे. इसी साल उन्हें मारुति उद्योग लि. के साथ काम करने का प्रस्ताव भेजा गया जिसे भेजने वाले आर सी भार्गव थे. मैंने आज श्री भार्गव से भी बात की जिन्होंने उनके देहांत पर गहरा शोक व्यक्त किया है. इन्होंने कंपनी को सिर्फ एक कार का उत्पादन करने वाली से बाज़ार में दमदार मुकाबला करने वाली कंपनी का रूप दिया.
कुछ सालों में मुझे उन्हें व्यक्तिगत और व्यवसायिक दोनों तरह से जानने का मौका मिला1993 में मार्केटिंग के लिए उन्होंने ज़िम्मेदारी संभाली थी और जुलाई 1999 में उन्हें बतौर सरकारी प्रतिनिधि कंपनी का मैनेजिंग डायरेक्टर बनाया गया. 2003 में मारुति जापान की कार निर्माता सुज़ुकी के मालिकाना हक में आ गई और कंपनी ने जगदीश खट्टर को इसी पद पर बनाए रखा जहां उन्होंने 2007 तक काम किया. मारुति सुज़ुकी इंडिया की सेल्स और मार्केटिंग के एग्ज़िक्यूटिव डायरेक्टर शशांक श्रीवास्तव ने भी श्री जगदीश खट्टर के निधन पर शोक व्यक्त किया है. इनके अलावा देश के ऑटो जगत में और भी कई लोगों ने इनके दुनिया से चले जाने पर दुख जताया है जिसमें फिलहाल वॉल्वो कार इंडिया की मैनेजिंग डायरेक्टर ज्योति मल्होत्रा भी शामिल हैं.
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2008 मे कार एंड बाइक अवॉर्ड्स में स्वर्गीय खट्टर को ऑटोमोटिव मैन ऑफ दी ईयर का ख़िताब दिया गया था. मारुति सुज़ुकी में काम छोड़ने के बाद कम व्यस्तता भरे थे और लेकिन जब तक वो बाज़ार में मौजूद थे, तब तक उन्होंने आने वाले समय का सटीक अनुमान लगाकर कंपनी को नए मुकाम पर पहुंचाया. इसमें कोई दोराय नहीं है कि उनकी कमी हम सबको बहुत खलेगी और मेरे जैसे राइटर और बहुत से लोगों को उनकी काबीलियत, शातिर दिमाग की कमी महसूस होगी, लेकिन ज़्यादातर एक बेहतरीन व्यक्ति को मिस करेंगे. पूरा ऑटो जगह आपके काम को सलाम करता है और आपकी आत्मा को शांति मिले, ऐसी प्रार्थना करता है.












































