किआ सॉनेट बनाम रेनॉ काइगर बनाम मारुति सुजुकी फ्रोंक्स: किफायती टर्बो का मज़ा
हाइलाइट्स
भारत में सबकॉम्पैक्ट एसयूवी सेगमेंट कुछ बेहतरीन विकल्पों से भरा हुआ है. अच्छी दिखने वाली फीचर्स से भरपूर कारों के अलावा कुछ कारें ऐसी भी हैं जो छोटे लेकिन शक्तिशाली टर्बो पेट्रोल इंजन के कारण शानदार ड्राइविंग आनंद का वादा करती हैं. इस बार हमारे पास तीन ऐसी एसयूवी हैं जो आपको यह तय करने में मदद करेंगी कि कौन सी आपके भीतर के उत्साही लोगों की जरूरतों को सबसे अधिक पूरा करेगी. ह्यून्दे किआ परिवार का प्रतिनिधित्व करती सॉनेट है, रेनॉ- निसान साझेदारी से संबंधित काइगर है और अंत में देश की सबसे बड़ी कार निर्माता मारुति सुजुकी के घर से फ्रोंक्स है.
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किआ सॉनेट
किआ सॉनेट इन तीनों के बीच सबसे ज्यादा ताकत और टॉर्क के साथ आती है
दिलचस्प बात यह है कि ये सभी कारें नेचुरली एस्पिरेटेड इंजन के साथ भी आती हैं, लेकिन उसकी बात किसी और दिन करेंगे. आज यहां बात बहुत सारा पैसा खर्च किए बिना प्रदर्शन, उत्साह और एड्रेनालाईन के बारे में हो रही है. हमारे पास मौजूद सभी तीन कारें मैनुअल ट्रांसमिशन के साथ सबसे महंगे मॉडल हैं और हम किआ सॉनेट से शुरुआत करते हैं क्योंकि इसमें सबसे ज्यादा ताकत और टॉर्क मिलता है.
सॉनेट सेगमेंट में iMT विकल्प वाली एकमात्र कार है
998 सीसी 3-सिलेंडर इंजन 6,000 आरपीएम पर 118 बीएचपी ताकत बनाता है जो फ्रोंक्स या काइगर की तुलना में लगभग 20 बीएचपी ज्यादा है. आपको 1,500 - 4,000 आरपीएम पर 172 एनएम का पीक टॉर्क मिलता है और यह सेगमेंट को देखते हुए काफी महत्वपूर्ण है. एक और दिलचस्प बात यह है कि यह प्योर मैनुअल नहीं है, बल्कि एक आईएमटी या इंटेलिजेंट मैनुअल ट्रांसमिशन है, जो अब ह्यून्दे और किआ की कई कारों में देखा जाता है. हां, आपको गियर बदलने की जरूरत है लेकिन यहां कोई क्लच नहीं है, इसलिए यह आराम को बढ़ाता है और अब यदि आप iMT चाहते हैं तो यह वेन्यू में उपलब्ध नहीं है, इसलिए इस सेगमेंट में सॉनेट ही आपका एकमात्र विकल्प है.
सॉनेट यहां एकमात्र है जो डीसीटी विकल्प के साथ आती है
यह iMT गियरबॉक्स यह भी करता है कि यह ड्राइवर से कंट्रोल को थोड़ा दूर ले जाता है और एक प्रदर्शन उत्साही के रूप में यह कोई ऐसी चीज़ नहीं है जिसे आप पूरी तरह से पसंद कर सकते हैं. लेकिन अच्छी बात यह है कि जब ऑटोमेटिक्स की बात आती है तो सॉनेट यहां एकमात्र ऐसी है जो डीसीटी विकल्प के साथ आती है क्योंकि फ्रोंक्स को टॉर्क कनवर्टर मिलता है, और काइगर को सीवीटी मिलता है. इसलिए यदि आप गाड़ी के पीछे अपना समय बिताना पसंद करते हैं तो यह निश्चित रूप से एक बेहतर दांव है.
सॉनेट में एनवीएच लेवल काफी अच्छा है
सॉनेट की सवारी और हैंडलिंग काफी बढ़िया है यह शहर में या छोटे मोटे गढ्ढों को पार करने के लिए संयम बनाए रहती है. हां बड़े गड्डो के लिए इसे धीमी गति से निकालने में ही भलाई है और कैबिन के अंदर शोर का स्तर भी कम है. कॉर्नर पर सॉनेट की हैंडलिंग बढ़िया है लेकिन इसके ऊंचे कद के कारण इसे कोनों पर धीमे ही निकालें तो बेहतर है. हालाकिं, यह कैबिन सबसे शांत नहीं है, लेकिन यह बहुत तेज़ शोर भी नहीं करता है, इसलिए आप इसके साथ रह सकते हैं.
मारुति सुजुकी फ्रोंक्स
फ्रोंक्स हल्की और फुर्तीली है, और आप इसे कोनों में लेजाना पसंद करते हैं
फ्रोंक्स की सवारी अच्छी है लेकिन थोड़ी स्टीफ लगती है पर ख़राब रस्तों पर ज़्यादा धीमी गति से चलने की ज़रूरत नहीं पड़ती, और हां इसका 1.0 लीटर बूस्टरजेट इंजन 99 बीएचपी ताकत बनाता है जो आंकड़ा बहुत अधिक नहीं है, लेकिन यह वास्तव में अपने प्रदर्शन और पिकअप से आपको आश्चर्यचकित करती है. 147 एनएम का पीक टॉर्क 2,000 - 4,500 आरपीएम तक आपके साथ रहता है और यह एक अच्छी रेंज है. फ्रोंक्स की हैंडलिंग काफी बढ़िया है और कॉर्नर पर कॉन्फिडेंस देती है, लेकिन स्टीयरिंग में थोड़ा डेड जोन ज्यादा है और कॉर्नर लेते समय इसमे फीडबैक थोड़ा कम लगता है.
इंजन और गियरबॉक्स फ्रोंक्स पर प्रदर्शन करने के लिए बहुत उत्सुक हैं
कैबिन को अच्छी तरह से शांत बनाया गया है, इसलिए अंदर इंजन की बहुत अधिक आवाज नहीं आती है, विशेष रूप से टर्बो इंजन चलाते समय आपको यह पसंद भी आ सकता है और नहीं भी, लेकिन कुल मिलाकर स्थिरता वास्तव में प्रभावशाली है. तेज़ गति पर कार आपको बहुत आत्मविश्वास देती है और यह वास्तव में आपके लाभ के लिए काम करता है.
मारुति सुजुकी मैनुअल और ऑटो दोनों वैरिएंट पर 20 किमी प्रति लीटर के माइलेज का दावा करती है
मैं स्टीयरिंग व्हील से थोड़ा और फीडबैक चाहूंगा क्योंकि अच्छे प्रभावशाली सेटअप में यही एकमात्र गायब लिंक है. प्रभावशाली एक और बात जो अच्छी है वह है इस टर्बो फ्रोंक्स का माइलेज. मारुति सुजुकी मैनुअल और ऑटो दोनों वैरिएंट पर 20 किमी/लीटर प्रतिलीटर के माइलेज का दावा करती है और इस पर किसे आपत्ति होगी? आइडल स्टार्ट स्टॉप सिस्टम यहां मदद करता है, कुछ ऐसा जो सॉनेट पर भी मानक के रूप में मिलता है.
रेनॉ काइगर
काइगर तीन कारों में सबसे ज्यादा SUV जैसी ड्राइविंग पोजीशन देती है
वहीं बात अगर रेनॉ काइगर की करें तो इसकी सवारी में छोटे गढ्ढे पता तो चलते हैं, लेकिन ज्यादा खराब रास्ते हों तो भी कार धीमी करने की जरूरत नहीं पड़ेगी, काइगर की हैंडलिंग काफी अच्छी है और हाई सेट होने के बावजूद काफी हैंडलिंग में काफी आत्मविश्वास देती है. इतना ही नहीं इन तीनों कारों के बीच काइगर ही आपको सबसे ज्यादा SUV जैसी ड्राइविंग पोजीशन देती है. हालांकि, इसका 1.0 टर्बो इंजन 99 बीएचपी की ताकत बनाता है जो फ्रोंक्स के समान है, लेकिन जब कार चलती है तो ऐसा महसूस नहीं होता है कि आपके पास ताकत की कमी है. 160 एनएम का पीक टॉर्क का आंकड़ा भी अच्छा है लेकिन 2,800 आरपीएम पर थोड़ा देर से महसूस होता है, लेकिन कार के प्रदर्शन पर इससे कोई फर्क नहीं पड़ता चाहे कैबिन के अंदर कितने ही लोग बैठे हों, यह शानदार प्रदर्शन जारी रखती है.
इंजन कार का वजन अच्छे से उठा सकता है
5-स्पीड गियरशिफ्ट का उपयोग करना आनंददायक है, गियर शिफ्ट काफी नॉच हैं और थ्रो कम हैं जो कार के चरित्र के लिए काफी सही है. यदि आप इस 1.0 टर्बो इंजन के साथ काइगर खरीदने पर विचार कर रहे हैं, तो CVT के बजाय मैनुअल का चयन करें क्योंकि यह आपको चलते समय थोड़ा अधिक मज़ा देगा. ड्राइव अनुभव को बढ़ाने वाली बात यह है कि काइगर तीन ड्राइव मोड के साथ आती है, जैसा कि आप सॉनेट पर भी देखते हैं.
काइगर तीन ड्राइव मोड के साथ आती है
हालाँकि, दो खास क्षेत्र हैं जहाँ रेनॉ काइगर के अंदर सुधार की कुछ गुंजाइश है, पहला है शोर का स्तर, कैबिन के अंदर काफी शोर आता है और इसमें इंजन की आवाज भी शामिल है. सवारी की गुणवत्ता भी बेहतर हो सकती है, क्योंकि जिन बड़े उभारों और गड्ढों से आप गुजरते हैं उनका प्रभाव कैबिन के अंदर महसूस होता है और यह कार के व्यवहार के लिए सबसे आदर्श तरीका नहीं है.
सेफ्टी
काइगर 4-स्टार ग्लोबल NCAP क्रैश टेस्ट रेटिंग के साथ आती है
काइगर यहां एकमात्र कार है जो एडल्ट की सुरक्षा के मामले में 4-स्टार ग्लोबल NCAP क्रैश टेस्ट रेटिंग का दावा कर सकती है. अन्य दो कारों का अभी भी ग्लोबल एनकैप द्वारा क्रैश टेस्ट नहीं किया गया है. जब एयरबैग की बात आती है, तो सॉनेट और फ्रोंक्स अपने सबसे महंगे वैरिएंट में छह-छह एयरबैग्स के साथ आगे हैं, जबकि काइगर को चार मिलते हैं. सॉनेट पर टायर प्रेशर मॉनिटरिंग सिस्टम आपको सटीक रीडिंग देता है जबकि काइगर पर यह केवल कम दबाव के बारे में चेतावनी देता है. फ्रोंक्स में यह महत्वपूर्ण सुविधा गायब है.
डिजाइन
कुछ अलॉय डिज़ाइन के साथ सॉनेट को बेहतरीन प्रोफ़ाइल मिलती है
तीनों दावेदारों को व्हील आर्च, रूफ रेल्स और स्किड प्लेट्स पर क्लैडिंग जैसे कई एसयूवी संकेत मिलते हैं, लेकिन यह काइगर है जिसका चेहरा इसके ट्राई-एलईडी हेडलैम्प्स के साथ सबसे आकर्षक है, एक पैटर्न जो फ्रोंक्स पर भी देखा जाता है. हालांकि पीछे से सॉनेट ने महफिल लूट ली. आपको सभी कारों में 16-इंच के पहिये मिलते हैं, और कुछ अलॉय डिज़ाइन के साथ सॉनेट को बेहतरीन प्रोफ़ाइल भी मिलती है और यदि आप खासियतों की तलाश में हैं तो सॉनेट एक्स-लाइन और हाल ही में लॉन्च की गई काइगर अर्बन नाइट एडिशन यहीं मौजूद हैं.
फ्रोंक्स को तीनों एसयूवी में सबसे लंबा व्हीलबेस मिलता है
आकार | मारुति सुजुकी फ्रोंक्स | किआ सॉनेट | रेनॉ काइगर |
---|---|---|---|
लंबाई | 3995 मिमी | 3995 मिमी | 3991 मिमी |
चौड़ाई | 1765 मिमी | 1790 मिमी | 1750 मिमी |
ऊंचाई | 1550 मिमी | 1642 मिमी | 1605 मिमी |
ग्राउंड क्लीयरेंस | 190मिमी | 205मिमी | 205 मिमी |
बूट स्पेस | 308 लीटर | 392 लीटर | 405 लीटर |
कैबिन और फीचर्स
सॉनेट उच्च गुणवत्ता वाली मोटरसाइकिल और सवारियों का एक अच्छा कॉम्बिनेशन है
इन सभी कारों का कैबिन अनुभव अच्छा है, एक फीचर्स के मामले में अच्छी है तो दूसरी व्यावहारिकता के मामले में अच्छी है. सॉनेट काफी प्रभावशाली है और यहां आपको उच्च गुणवत्ता वाली चीज़ों के साथ-साथ फीचर्स का भी अच्छा कॉम्बिनेशन मिलता है. इसका मुख्य आकर्षण 10.25-इंच की बड़ी टचस्क्रीन है, जो अन्य दो कारों से बड़ा है. इसका उपयोग करना भी अच्छा है, हालाँकि यहाँ एंड्रॉइड ऑटो और ऐप्पल कारप्ले को वायर्ड किया गया है जबकि अन्य दो कारों, फ्रोंक्स और काइगर में यह वायरलेस है. हालाँकि, सॉनेट अपनी कुछ विशेष खासियतों के लिए भी जानी जाती है, जिसमें बोस सराउंड साउंड सिस्टम, लेदरेट सीटें, वेंटिलेटेड सीटें और हाँ और एयरप्यूरीफायरर शामिल है.
360-व्यू कैमरा और हेड अप डिस्प्ले फ्रोंक्स के लिए विशिष्ट हैं
वहीं जब कैबिन अनुभव की बात आती है तो ह्यून्दे-किआ परिवार को हराना मुश्किल है और सॉनेट ने इसे साबित किया है. यह यहां एकमात्र विकल्प भी है जिसमें सनरूफ और पीछे के कर्टेन मिलते हैं. हालाँकि हमें यह कहना होगा कि 360-व्यू कैमरा और हेड अप डिस्प्ले जैसे फीचर्स फ्रोंक्स को कुछ ब्राउनी पॉइंट देते हैं. काइगर इस पहलू में भी अच्छी प्रतिस्पर्धा करती है, विशेष रूप से अपने फुल डिजिटल क्लस्टर, स्मार्ट एक्सेस कार्ड और Arkamys साउंड सिस्टम के साथ, लेकिन गुणवत्ता में कमी है और ऐसा लगता है कि इसे लागत पर बनाया गया है.
काइगर को सबसे बड़ा बूट 405 लीटर का मिलता है.
फ्रोंक्स की दूसरी रो में इसकी कूपे शैली की छत के कारण थोड़ा समझौता किया गया है. तीनों विकल्पों में ऊंचाई के मामले में भी यह सबसे छोटी है, लेकिन अच्छी बात यह है कि यहां तीनों यात्रियों को सॉनेट की तरह ही एडजस्टेबल हेडरेस्ट और 3-पॉइंट सीटबेल्ट मिलती है. आपको सभी सीटबेल्ट के साथ ऑडियो रिमाइंडर भी मिलते हैं. जब कनेक्टिविटी विकल्पों की बात आती है तो किआ और मारुति सुजुकी आगे हैं और रेनॉ के पास करने के लिए कुछ दिलचस्प विकल्प हैं. हालांकि काइगर को सबसे बड़ा बूट 405 लीटर का मिलता है.
कीमत (एक्स-शोरूम) | बेस मॉडल | टॉप मॉडल |
---|---|---|
किआ सॉनेट | ₹10.49 लाख | ₹13.89 लाख |
मारुति सुजुकी फ्रोंक्स | ₹9.73 लाख | ₹13.14 लाख |
रेनॉ काइगर | ₹10.00 लाख | ₹11.13 लाख |
निर्णय
ये कारें साबित करती हैं कि छोटे टर्बो बहुत मायने रखते हैं
प्रदर्शन के बारे में पूरी तरह से बात करें तो यह किआ सॉनेट है जो अपनी उच्च शक्ति और टॉर्क के आंकड़ों के कारण आगे है. फीचर्स के मामले में इसका कैबिन भी काफी अच्छा है, इसलिए यह आपको पसंद आएगी लेकिन कोई गलती न करें, फ्रोंक्स भी बहुत पीछे नहीं है, जब प्रदर्शन की बात आती है तो बूस्टरजेट इंजन अच्छा प्रदर्शन करता है और एसयूवी को बढ़िया फीचर्स भी मिलते हैं . लेकिन इसकी अधिक कीमत है और यदि आप किफायती मनोरंजन की तलाश में हैं तो आप शायद काइगर को देख सकते हैं, क्योंकि इन तीनों मॉडल यह सबसे कम कीमत वाली कार है और यदि आप सबकॉम्पैक्ट एसयूवी स्पेस में ड्राइवर की सीट पर कुछ मजा करना चाहते हैं, तो यह आपकी पसंद भी हो सकती है.