महाराष्ट्र ने रु.30 लाख से अधिक कीमत वाले इलेक्ट्रिक वाहनों पर प्रस्तावित टैक्स हटाया

हाइलाइट्स
- रु.30 लाख से अधिक की कीमत वाले इलेक्ट्रिक वाहनों पर प्रस्तावित 6 प्रतिशत कर को हटा दिया गया
- टैक्स कथित तौर पर इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर बढ़ने की दिशा में बाधा बनेगा
- सरकार ने सीएनजी वाहनों, कमर्शियल वाहनों पर संशोधित वाहन टैक्स का भी प्रस्ताव रखा था
महाराष्ट्र सरकार ने रु.30 लाख से ज़्यादा कीमत वाले इलेक्ट्रिक वाहनों पर प्रस्तावित वाहन टैक्स हटा दिया है. राज्य सरकार ने इस महीने की शुरुआत में आगामी वित्तीय वर्ष के लिए अपने बजट के हिस्से के रूप में राज्य में रु.30 लाख से ज़्यादा कीमत वाले इलेक्ट्रिक वाहनों पर 6 प्रतिशत कर लगाने का प्रस्ताव रखा था. प्रस्तावित टैक्स हटाने के फ़ैसले की घोषणा महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस ने 26 मार्च को की थी.
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रिपोर्टों के अनुसार, प्रस्तावित टैक्स को इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने के लिए प्रतिकूल माना गया है, तथा इसके बदले में कोई महत्वपूर्ण राजस्व भी पैदा नहीं होगा.

हाल के वर्षों में भारत में लक्जरी इलेक्ट्रिक वाहनों का बड़ा प्रवाह देखा गया है
प्रस्तावित नए वाहन कर से मुख्य रूप से देश में बिकने वाली प्रीमियम और लग्जरी ईवी पर असर पड़ेगा, जैसे कि BYD, ह्यून्दे, किआ, मर्सिडीज, ऑडी, बीएमडब्ल्यू और वॉल्वो. इस टैक्स से टेस्ला के मॉडल भी प्रभावित होंगे, जिसके आने वाले महीनों में देश में अपने मॉडल लाइन-अप का कुछ हिस्सा लॉन्च करने की उम्मीद है.
इलेक्ट्रिक वाहनों पर कर के अलावा सरकार ने सीएनजी और एलपीजी, नॉन-कमर्शियल यात्री वाहनों पर कर में वृद्धि का भी प्रस्ताव रखा है. प्रस्तावित बजट में वाहन कर की अधिकतम सीमा को रु.20 लाख से बढ़ाकर रु.30 लाख करने की बात कही गई है, साथ ही निर्माण मशीनरी और वाहनों के लिए संशोधित टैक्स दरों की भी घोषणा की गई है.