महिंद्रा 2030 तक भारत में 16 नए मॉडल करेगी लॉन्च, 7 ईवी भी होंगी शामिल
हाइलाइट्स
- महिंद्रा अगले तीन वर्षों में ईवी कारोबार में रु.12,000 करोड़ का निवेश करेगी
- कंपनी पेट्रोल-डीज़ल एसयूवी कारोबार में रु.8,500 करोड़ का निवेश करेगी
- 2030 तक 6 बिल्कुल नई एसयूवी, 3 फेसलिफ्ट और 7 इलेक्ट्रिक एसयूवी लॉन्च करने की योजना है
महिंद्रा एंड महिंद्रा ने अगले 6 वर्षों के दौरान भारत में 16 नए मॉडल लॉन्च करने की योजना का खुलासा किया. अपने वित्त वर्ष 2024 के वित्तीय परिणाम प्रेस कॉन्फ्रेंस में कंपनी ने खुलासा किया कि उसने 2030 तक 7 नई इलेक्ट्रिक एसयूवी के साथ बाजार में 9 नई पेट्रोल-डीज़ल एसयूवी लॉन्च करने की योजना बनाई है. 9 मॉडलों में हाल ही में लॉन्च किए गए महिंद्रा XUV 3XO से शुरू होने वाली तीन फेसलिफ्ट शामिल हैं, जबकि नए ईवी में से पहला मॉडल वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च 2025) में आने वाला है.
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नए मॉडल के लिए महिंद्रा अगले तीन वित्तीय वर्षों में अपने ऑटोमोटिव व्यवसाय में रु.27,000 करोड़ का भारी निवेश करेगी. इस निवेश में यात्री वाहन और कमर्शियल वाहन दोनों शामिल हैं, जिससे कार निर्माता न केवल नए मॉडल पर ध्यान केंद्रित करेगा बल्कि भविष्य की मांग को पूरा करने के लिए उत्पादन क्षमता का विस्तार भी करेगा.
महिंद्रा की योजना 2030 तक भारत में 7 बिल्कुल नई इलेक्ट्रिक एसयूवी पेश करने की है
यहां मुख्य आंकड़ा महिंद्रा इलेक्ट्रिक ऑटोमोबाइल लिमिटेड (एमईएएल) में रु.12,000 करोड़ निवेश का है. MEAL महिंद्रा ग्रुप की नई इलेक्ट्रिक फोर-व्हीलर कंपनी है जिसके तहत वह बॉर्न इलेक्ट्रिक एसयूवी की अपनी आगामी रेंज पेश करने की योजना बना रही है. निवेश न केवल इलेक्ट्रिक वाहनों के विकास में बल्कि मॉडल की मांग को पूरा करने के लिए उत्पादन क्षमता को बढ़ाने में भी किया जाएगा. निर्माण क्षमता की बात करें तो महिंद्रा ने खुलासा किया है कि उसकी चालू वित्त वर्ष के अंत तक प्रति माह 10,000 ईवी निर्माण क्षमता रखने की योजना है. वित्त वर्ष 2026 के अंत तक इसे प्रति माह 18,000 कारों तक विस्तारित किया जाना है. कार निर्माता ने कहा है कि उसकी पहली बॉर्न इलेक्ट्रिक एसयूवी वित्त वर्ष 2025 की आखिरी तिमाही (जनवरी से मार्च 2025) में आने वाली है, जिसके बाद के नए मॉडल आएंगे.
महिद्रा की आगामी ईवी को BE और XUV.e ब्रांडिंग के तहत बेचे जाने की उम्मीद है
कार निर्माता ने हालांकि कहा कि उसे अभी भी उम्मीद है कि उसकी बिक्री का बड़ा हिस्सा पेट्रोल-डीज़ल वाहनों से आएगा क्योंकि यात्री वाहन बाजार में ईवी की पहुंच अभी भी कम है.
“फिलहाल, जैसा कि हमने पहले कहा है, वर्ष 2027 में ईवी हमारे एसयूवी पोर्टफोलियो का 20-30 प्रतिशत होगा, जिसका मतलब है कि अभी भी हमारे पोर्टफोलियो का 70 प्रतिशत हिस्सा (पेट्रोल-डीज़ल इंजन) होगा.” राजेश जेजुरिकर, कार्यकारी निदेशक और सीईओ, ऑटो और फार्म सेक्टर, महिंद्रा एंड महिंद्रा ने कहा.
नई XUV 3XO, 2030 तक आने वाली नौ नई SUV में से पहली है
उन्होंने कहा कि यह सेग्मेंट (पेट्रोल-डीज़ल) अभी भी अच्छी दर से बढ़ रहा है और कंपनी को अच्छा वित्तीय रिटर्न दे रहा है, इसलिए इसमें शामिल रहना उचित है. उन्होंने कहा कि कंपनी के पास "अगले 10 वर्षों में बहुत आक्रामक पेट्रोल-डीज़ल मॉडलों का पोर्टफोलियो" जारी रहेगा.
हालाँकि, कंपनी ने पैटर्न में बदलाव की मांग करते हुए ईवी पर ध्यान केंद्रित करने से इंकार नहीं किया. महिंद्रा ग्रुप के एमडी और सीईओ डॉ. अनीश शाह ने कहा कि कंपनी हालांकि अगले तीन वर्षों तक ईवी बाजार पर नजर रखना जारी रखेगी. उन्होंने कहा कि अगर मांग में कोई बड़ा बदलाव होता है तो कंपनी अपने पोर्टफोलियो फोकस को तदनुसार स्थानांतरित करने का निर्णय लेगी.
पिछले साल पेश किये गए ग्लोबल पिक-अप कॉन्सेप्ट के प्रोडक्शन मॉडल को भी भारत में लॉन्च करने पर विचार किया जा सकता है
पेट्रोल-डीज़ल मॉडल के बारे में बोलते हुए, महिंद्रा ने कहा कि वह व्यवसाय में रु.8,500 करोड़ का निवेश करने की योजना बना रही है. कार निर्माता की योजना 2030 तक भारत में 9 नई एसयूवी पेश करने की है, जिसमें 3 फेसलिफ्ट और 6 बिल्कुल नए मॉडल शामिल हैं. जैसा कि ऊपर बताया गया है, इन नए लॉन्चों में से पहला हाल ही में लॉन्च किया गया XUV 3XO था, जिसने ऑर्डर बुक खुलने के एक घंटे के भीतर 50,000 से अधिक बुकिंग प्राप्त होने के साथ बाजार में अच्छी शुरुआत की है. नए मॉडलों में से एक नई थार 5-डोर इस साल के अंत में आने वाली है, जिसमें स्कॉर्पियो-एन और एक्सयूवी700 के फेसलिफ्ट भी लाइन-अप का हिस्सा होने की संभावना है.
आगामी थार 5-डोर भी नए मॉडलों का हिस्सा होगी
कंपनी ने कहा कि वह अपने हल्के कमर्शियल वाहन पोर्टफोलियो में दो ईवी सहित सात नए मॉडल लाने के लिए अगले तीन वर्षों में रु.4,000 करोड़ का निवेश करने की भी योजना बना रही है.
महिंद्रा का ऑटो व्यवसाय समूह के लिए राजस्व और मुनाफे का एक प्रमुख स्रोत है, इस क्षेत्र ने रु.4,714 करोड़ के टैक्स के बाद लाभ दर्ज किया है. यह पिछले वित्तीय वर्ष में रु.1,908 करोड़ से उल्लेखनीय वृद्धि थी और ऑटो व्यवसाय ने कंपनी के फार्म व्यवसाय को सबसे अधिक लाभदायक इकाई के रूप में पछाड़ दिया. ऑटो व्यवसाय पहले से ही ब्रांड के राजस्व के प्रमुख स्रोतों में से एक था, जिसका कुल राजस्व रु.76,156 करोड़ था, जो पिछले वित्तीय वर्ष में रु.61,564 करोड़ था. महिंद्रा समूह ने रु.11,269 करोड़ के कर पश्चात 1,39,078 करोड़ का कुल राजस्व दर्ज किया, जो पिछले वर्ष की तुलना में 25 प्रतिशत अधिक है.